जब नरेश मीणा कांग्रेस में थे ही नहीं तो फिर निष्कासन क्यों? क्या अंता उपचुनाव में कांग्रेस के लिए मुसीबत बनेंगे नरेश मीणा। भाजपा का उम्मीदवार पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सलाह से तय होगा।
8 अक्टूबर को राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि नरेश मीणा कांग्रेस में है ही नहीं तो उन्हें अंता के उपचुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार कैसे बनाया जाएगा। रंधावा ने कहा कि मैं साढ़े तीन साल से प्रभारी हंू। लेकिन आज तक भी नरेश मीणा ने मुझसे मुलाकात नहीं की। यानी रंधावा ने नरेश मीणा के कांग्रेसी होने को पूरी तरह खारिज कर दिया। लेकिन दो दिन बाद 10 अक्टूबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने नरेश मीणा को छह वर्ष के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया। सवाल उठता है कि जब नरेश मीणा कांग्रेस में थे ही नहीं तो फिर उनका निष्कासन कैसे किया? जानकारों की मानें तो देवली-उनियारा के उपचुनाव में भी नरेश मीणा ने कांग्रेस का टिकट मांगा था, लेकिन जब टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव लड़ा। तब भी नरेश मीणा को 6 वर्ष के लिए कांग्रेस से निकाला गया। एक ओर कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि नरेश मीणा कांग्रेसी नहीं है, लेकिन वहीं दो दो बार नरेश मीणा को निष्कासित किया जा रहा है। नरेश मीणा ने कांग्रेस की सदस्यता कब ली इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है।
मुसीबत बनेंगे:
यह सही है कि कांग्रेसी विचारधारा होने के नाते नरेश मीणा ने अंता उपचुनाव में टिकट की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस ने नरेश मीणा के बजाए प्रमोद जैन भाया को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे नरेश मीणा और उनके समर्थक कांग्रेस से बुरी तरह खफा है। देवली उनियारा के उपचुनाव में एसडीएम को सरेआम थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा ने धमकी दी है कि मैं देखता हंू कि अंता में कांग्रेस के नेता किस प्रकार से चुनाव प्रचार करने आते हैं। प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत जब अंता आएंगे तो जनता अपने आप सबक सिखा देगी। नरेश मीणा की इस धमकी के बाद अंता में टकराव की स्थिति हो गई है। नरेश मीणा 14 अक्टूबर को नामांकन करेंगे। हो सकता है कि उन्हें आरएलडी, आरएलपी, बीएपी जैसी पार्टियों का समर्थन मिले।
वसुंधरा की सलाह:
अंता उपचुनाव में नामांकन की अंतिम तिथि 21 अक्टूबर है, लेकिन भाजपा ने अभी तक भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। माना जा रहा है कि भाजपा उम्मीदवार की घोषणा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सलाह को तरजीह दी जाएगी। इसलिए 10 अक्टूबर को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से राजे से उनके निवास पर मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो राजे का झुकाव पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी की और रहा है। सैनी वर्ष 2013 में अंत से चुनाव जीत चुके हैं। इस विमर्श में निवर्तमान विधायक कंवरलाल मीणा के परिवार से किसी को उम्मीदवार बनाने पर भी चर्चा हुई। मालूम हो कि एक आपराधिक मामले में तीन वर्ष की सजा होने के कारण कंवरलाल मीणा की विधायकी रद्द कर दी गई है।
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