जब कवि श्रीकांत शर्मा ने पन्नाधाय के बलिदान की कविता सुनाई तो श्रोताओं की आंखों से आंसू आ गए। पांच परिवर्तन से ही राष्ट्र का हित- खाजूलाल चौहान। अपने स्वयं को पहचानने की जरूरत-सुनील दत्त जैन। संस्था का रजत जयंती समारोह।

15 नवंबर को अजमेर की सांस्कृतिक संस्था सप्तक का रजत जयंती समारोह डीआरएम ऑफिस के निकट गौड़ ब्राह्मण महासभा के सभागार में संपन्न हुआ। सम्मेलन में देश के ख्याति प्राप्त युवा कवि श्रीकांत शर्मा (देहरादून) ने अपनी जोशीली और देशभक्ति को समर्पित कविताएं सुनाई। कवि श्रीकांत ने जब राजस्थान के मेवाड़ राजघराने की दासी पन्नाधाय के बलिदान की कहानी को कविता के रूप में सुनाया तो उपस्थित श्रोताओं की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि राजस्थान तो वह धरती है जहां अपने राजा को बचाने के लिए दासी पन्नाधाय ने अपने पुत्र का बलिदान कर दिया। उसे क्षण की कल्पना की जा सकती है, जब पन्नाधाय ने राजघराने के राजकुमार उदय सिंह को तो मौके से भगा दिया और अपने पुत्र चंदन को क्रूर शासक बालवीर के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। बनवीर ने अपने हाथों से पन्नाधाय के पुत्र चंदन के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। श्रीकांत ने कहा कि उसे समय पन्नाधाय की मन स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन यदि उसे समय पन्नाधाय राजकुमार उदय सिंह को नहीं बचाती तो देश को महाराणा प्रताप की वीरता भी देखने को नहीं मिलती। श्रीकांत ने कहा कि मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मैं आज अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की नगरी में कविता पाठ कर रहा हूं। श्रीकांत ने देश के शहीदों को लेकर भी अनेक कविताएं सुनाई और इस बात पर गुस्सा जताया कि हमारे देश के कुछ नेता सर्जिकल स्ट्राइक, ऑपरेशन सिंदूर जैसी सैन्य कार्रवाइयों के सबूत मांगते हैं। श्रीकांत ने कहा यदि हमारा सैनिक सीमा की रक्षा न करें तो ऐसे नेता जिंदा नहीं रह सकते। देश के खातिर अपनी जान न्योछावर करने वाले जवानों की हौसला अफजाई करने के बजाय कुछ नेता भारतीय सेना का मनोबल गिराने का काम करते हैं। समारोह में सप्तक संस्था की ओर से कवि श्रीकांत शर्मा को महाकवि चंदबरदाई सम्मान से सम्मानित किया गया। संस्था की ओर से 21 हजार की नगद राशि श्रीफल और प्रशस्ति पत्र भेंट किया। संस्था के प्रमुख ललित शर्मा ने कहा कि श्रीकांत शर्मा जैसे देशभक्त कवि के आने से संस्था के रजत जयंती समारोह को चार चांद लग गए हैं।

पांच परिवर्तन
समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अजमेर महानगर के संग चालक खाजूलाल चौहान मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर चौहान ने कहा कि संघ अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है और इसमें स्वदेशी, कुटुंब प्रबोधन,पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता और नागरिक कर्तव्य के पांच परिवर्तन पर जोर दिया गया है। इन पांच कार्यों से देश को समृद्ध बनाया जा सकता है। देश का हर नागरिक पांच परिवर्तन में सहयोग कर सकता है। यदि हम प्लास्टिक की थैली में सामान लेना बंद कर दे तो भी पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई जा सकती है, संघ कुटुम्ब प्रबोधन पर इसलिए जोर दे रहा है ताकि भारत में संयुक्त परिवार की परंपरा फिर से शुरू की जा सके। चौहान ने सभी लोगों से राष्ट्रहित में पंच परिवर्तन से जुड़ने की आग्रह किया। 

स्व को पहचाने:
समारोह में समाजसेवी और संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक सुनील दत्त जैन ने कहा कि आज हर सनातनी को अपने स्व को पहचानने की जरूरत है। हमारा सनातन धर्म इतना समृद्ध है कि हमें किसी दूसरे धर्म से कुछ लेने की जरूरत नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लोगों में अपने स्व को जगाने का ही काम कर रहा है। अपने स्व के माध्यम से हम राष्ट्र को भी मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज हिंदुओं के जनजागरण में संघ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। संघ के प्रयासों से ही जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाया गया और अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना। जैन ने कहा कि श्रीकांत शर्मा जैसे देशभक्त कवि को बुलाकर सप्तक संस्था ने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है। 

इन्होंने भी किया कविता पाठ:
 इससे पहले समारोह में डॉ.रमेश अग्रवाल, पुष्पा शर्मा, मास्टर अर्णव शर्मा, कुलदीप सिंह रत्नू, सुमन शर्मा, डॉ.मधु खंडेलवाल, उमेश चौरासिया, पुष्पा शर्मा, डॉ.अंजू शर्मा  सहित अन्य ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय साहित्य परिषद न्यास द्वारा प्रकाशित आत्मबोध से विश्वबोध पुस्तक का विमोचन भी किया गया। समारोह का संचालन डॉ. कृष्णकांत शर्मा और वर्तिका शर्मा ने किया। इस समारोह के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर  9414416461 पर ललित कुमार शर्मा से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (16-11-2025)
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