उपाचार्य से प्राचार्य के पद पर पदोन्नत हुए शिक्षकों की नियुक्ति और गड़बड़झाले वाली प्राचार्य की तबादला सूची पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर कुछ भी नहीं बोले। जबकि स्कूलों की सबसे बड़ी समस्या यही है।
22 नवंबर को अजमेर के पृथ्वीराज नगर स्थित सतगुरु इंटरनेशनल स्कूल के वार्षिक समारोह में भाग लेने के लिए राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर अजमरे आए। दिलावर ने शिक्षकों की बीएलओ ड्यूटी से लेकर विद्यार्थियों की गणवेश तक के सवालों का जवाब दिया, लेकिन सरकारी स्कूलों की सबसे बड़ी समस्या उपाचार्य से लेकर प्राचार्य के पद पर पदोन्नति और गड़बड़झाले वाली प्राचार्यों की तबादला सूची पर कोई प्रतिक्रया नहीं दी। सरकार ने कोई 6 माह पहले मई 2025 में चार हजार से भी ज्यादा उपाचार्य को प्राचार्य के पद पर पदोन्नत कर दिया। तभी से पदोन्नत हुए उपाचार्य, प्राचार्य का वेतन ले रहे हैं, लेकिन सरकार ने पदोन्नत हुए प्राचार्यों को आज तक भी नियुक्ति नहीं दी है। फलस्वरूप पदोन्नत हुए प्राचार्य पुरानी स्कूलों में उपाचार्य के पद पर ही काम कर रहे हैं। शिक्षा जगत में संभवत: यह पहला अवसर होगा, जब सरकार वेतन तो प्राचार्य का दे रही है, लेकिन काम उपाचार्य के पद का ही लिया जारहा है। सरकार किस नियम के तहत उपाचार्य को प्राचार्य का वेतन दे रही है, इस सवाल का जवाब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पास भी नहीं है। इधर मई माह से चार हजार से ज्यादा उपाचार्य को पदोन्नति दे दी गई और उधर सितंबर माह में करीब साढ़े चार हजार प्राचार्यों के तबादले कर दिए गए। प्राचार्यों के तबादले से प्रदेश भर में एक हजार से ज्यादा विद्यालय प्राचार्य का तो तबादला कर दिया, लेकिन रिक्त हुए पद पर दूसरे प्राचार्य की नियुक्ति नहीं की। इसी प्रकार इस तबादला सूची में उन प्राचार्यों के तबादले कर दिए जिनकी सेवानिवृत्ति में तीन-चार माह ही शेष हैं। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित प्राचार्यों के भी तबादले कर दिए। प्राचार्यों की इस तबादला सूची से क्षेत्र के विधायक और मंत्री भी खफा है। बड़ी अजीब बात है कि एक ओर विद्यालय में पदोन्नत हुए प्राचार्य, उपाचार्य के पद पर काम कर रहा है, तो वहीं इसी विद्यालय में प्राचार्य का पद रिक्त पड़ा है। चूंकि प्राचार्यों की तबादला सूची गड़बड़झाला रही, इसलिए सौ से भी ज्यादा शिक्षकों ने अदालतों से स्टे ले लिया। तभी से प्राचार्यों की संशोधित सूची का इंतजार किया जा रहा है। संशोधित सूची के इंतजार में सैकड़ों प्राचार्यों ने नए पद पर ज्वाइन नहीं किया है। यानी सरकारी विद्यालयों में इन दिनों बेहद ही खराब माहौल है। कहा जा सकता है कि शिक्षण कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा है। लेकिन शिक्षा मंत्री मदन दिलावर इन सब समस्याओं से बेफ्रिक हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (23-11-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511

