संसद की तर्ज पर राजस्थान विधानसभा में बनेगा सेंट्रल हॉल। अध्यक्ष देवनानी का एक और नवाचार।

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पिछले दो वर्ष के कार्यकाल में विधानसभा में अनेक नवाचार किए हैं। इनमें विधानसभा में प्रत्येक विधायक की टेबल पर आईपैड लगाने से लेकर विधायकों के सवालों तक के नवाचार शामिल है। देवनानी के प्रयासों से ही विधानसभा परिसर में संग्रहालय आम लोगों के लिए खोला गया है। इन्हीं नवाचारों के अंतर्गत अब विधानसभा की पांचवीं मंजिल पर सेंट्रल हॉल बनाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में देवनानी ने पांच दिसंबर को अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि सेन्ट्रल हॉल को महापुरुषों के थ्री-डी चित्रों से सुसज्जित किया जाएगा। सेन्ट्रल हॉल में राजस्थान की कला, संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व की पेन्टिंग्स भी लगाई जायेगी। हॉल का उपयोग विधान सभा सत्र काल के दौरान विधायकगण, विभागीय अधिकारी और आगन्तुक अतिथिगण की चर्चा और जलपान के लिए होगा। देवनानी ने राजस्थान विधान सभा सचिवालय और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में सेन्ट्रल हॉल के लिए रूपरेखा और परिकल्पना पर चर्चा की। विधान सभा भवन के पंचम तल पर बनेगा ऑडिटोरियम, विधान सभा अध्यक्ष देवनानी ने बैठक में विधानसभा भवन के पंचम तल पर ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य आरम्भ करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। देवनानी ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत ड्रॉईंग का अवलोकन किया और इस कार्य की अनुमानित लागत व निर्माण समयावधि पर चर्चा की। देवनानी ने इस कार्य को अधिकतम एक वर्ष में पूर्ण करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। देवनानी ने कहा कि इस ऑडिटोरियम का उपयोग युवा संसद, राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ द्वारा आयोजित कार्यशाला, सेमिनार, बैठक और संगोष्ठियों के साथ पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के लिए किया जायेगा। श्री देवनानी ने बताया कि भविष्य में यदि विधान परिषद का निर्माण होता है तो यह ऑडिटोरियम उसके लिए उपयोग में लिया जा सकेगा। विधान सभा के ऐतिहासिक भवन की सुन्दरता बनाये रखने के होंगे निरन्तर प्रयास स्पीकर देवनानी ने कहा कि राजस्थान विधान सभा का भवन भारत के सबसे आधुनिक विधानमंडल परिसरों में से एक है। भवन के बाहरी हिस्से में राजस्थान की प्रसिद्ध पारंपरिक विशेषताओं वाले जोधपुर और बंसी पहाड़पुर पत्थर में झरोखे, छतरियां, कमानी, बारादरी, मेहराब, तोडिय़ां आदि लगी हुई हैं। आंतरिक प्रवेश कक्षों की दीवारों और छतों को भी जयपुर, शेखावाटी, मारवाड़ और मेवाड़ की पारंपरिक कलाओं से सजाया गया है। देवनानी ने कहा कि इस ऐतिहासिक धरोहर की सुन्दरता को बनाये रखने के लिए साफ-सफाई और सुरक्षा के निरन्तर प्रयास किये जाए। देवनानी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए निम्नतम व्यय पर पर्याप्त व्यवस्था की जावे। बैठक में विधान सभा और सार्वजनिक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।

S.P.MITTAL BLOGGER (06-12-2025)
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