प्रवासी दिवस के समारोह में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की उपस्थिति से राजस्थान की भाजपा राजनीति को समझा जा सकता है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की भी कोई भूमिका नहीं, लेकिन पंजाब के राज्यपाल कटारिया आए।
10 दिसंबर को जयपुर के सीतापुर में प्रवासी राजस्थान दिवस का भव्य समारोह हो रहा है। इस समारोह को लेकर राजस्थान सरकार की ओर से 10 दिसंबर को ही अखबारों में प्रथम पृष्ठ पर विज्ञापन छपवाया गया है। इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ साथ राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, पीयूष गोयल और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के नाम का उल्लेख कर इनकी गरिमामयी उपस्थिति बताई गई है। यूं तो राजस्थान से गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल और भागीरथ चौधरी भी केंद्रीय मंत्री हैं। लेकिन सरकार के विज्ञापन में अकेले अलवर के सांसद भूपेंद्र यादव का नाम ही केंद्रीय मंत्री के तौर पर लिखा गया है। इसी प्रकार ओम माथुर भी राजस्थान के सिक्किम में राज्यपाल है, लेकिन अखबार में सिर्फ गुलाबचंद कटारिया का ही नाम लिखा गया है। कटारिया के संवैधानिक पद पर होने के कारण अब राजस्थान की राजनीति में सीधा दखल नहीं है, लेकिन केंद्रीय मंत्री के तौर पर अकेले भूपेंद्र यादव का नाम सरकारी विज्ञापन में लिखे जाने से राजस्थान की भाजपा की राजनीति को समझा जा सकता है। भूपेंद्र यादव भाजपा के उन नेताओं में शामिल है जो लो प्रोफाइल में रह कर प्रभावी भूमिका निभाते हैं। यह सही है कि सरकारी विज्ञापन में अकेले भूपेंद्र यादव का नाम लिखने का निर्णय अकेले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का नहीं रहा। गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और भागीरथ चौधरी के मुकाबले में सिर्फ भूपेंद्र यादव का नाम लिखा जाना यह दर्शाता है कि इतना बड़ा निर्णय दिल्ली से हुआ है। प्रवासी दिवस से पहले गत दिनों ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में संसद भवन में मुलाकात की थी। तब यह कयास लगाया गया कि मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन जानकारों की माने तो इस बैठक में राजस्थान प्रवासी दिवस की तैयारियों पर पीएम मोदी के साथ चर्चा हुई। सीएम शर्मा तो चाहते थे कि इस समारोह में पीएम मोदी आए, इसके लिए विशेष आग्रह भी किया गया। जानकारों की मानें तो पीएम मोदी के सुझाव पर ही केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को समारोह में आने का निमंत्रण दिया गया। भूपेंद्र यादव भले ही राजस्थान में अपनी राजनीतिक गतिविधियों को अपने संसदीय क्षेत्र अलवर तक सीमित रखते हो, लेकिन भाजपा की राजनीति में यादव का गहरा प्रभाव है। प्रवासी राजस्थानी दिवस के समारोह से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के भी कुछ समझ में आ गया होगा। समारोह में देश भर के प्रमुख उद्योगपति भाग ले रहे हैं। लेकिन इतने बड़े आयोजन में पूर्व सीएम राजे की कोई भूमिका नहीं है। समारोह के किसी भी सत्र में राजे का संबोधन नहीं रखा गया है। कोई माने या नहीं, लेकिन पूरा समारोह सीएम शर्मा पर केंद्रित है। इस समारोह के बहाने सीएम शर्मा को भी अपनी कार्यकुशलता दिखाने का अवसर मिल रहा है। कांग्रेस भले ही शर्मा के मुख्यमंत्री होने पर कटाक्ष करे, लेकिन शर्मा ने यह प्रदर्शित किया है कि राजस्थान में वे ही सबसे बड़े नेता है।
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