संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने वाले पाकिस्तान के ननकाना साहिब के गुरुद्वारे पर हुई पत्थरबाजी और धमकियों की घटना से सबक लें।
संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने वाले पाकिस्तान के ननकाना साहिब के गुरुद्वारे पर हुई पत्थरबाजी और धमकियों की घटना से सबक लें।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान बहुत ही डरावना।
कानून रद्द नहीं किया तो रूस और पाकिस्तान की तरह भारत के टुकड़े हो जाएंगे।
कांग्रेस के मुख्यमंत्री का डरावना बयान:
एक ओर पाकिस्तान में 3 जनवरी को ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर पत्थरबाजी हुई तो वहीं इसी दिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यदि नागरिकता कानून रद्द नहीं किया गया तो पाकिस्तान, रूस की तरह भारत के टुकड़े हो जाएंगे। गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि इस देश में 55 वर्षों तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ और जिम्मेदार नेता भी हैं। यदि गहलोत जैसे राजनेता देश के टुकड़े होने वाले बयान देंगे तो देश के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। सवाल उठता है कि आजादी के 70 वर्षों में क्या फिर देश के ऐसे हालात हो गए हैं जिससे भारत का विभाजन हो सकता है? 1947 में भी धर्म के आधार पर भारत का विभाजन कर पाकिस्तान बनाया गया। गहलोत को बताना चाहिए कि सीएए से देश में किस समुदाय की नागरिकता छीनी जा रही है, जिसकी वजह से देश के टुकड़े हो जाएंगे? सीएए से तो पाकिस्तान से धर्म के आधार पर प्रताडि़त अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलेगी। क्या प्रताडि़त हिन्दुओं, सिक्खों, जैन, ईसाई, बौद्ध व पारसी को नागरिकता देने से रूस की तरह भारत के टुकड़े हो जाएंगे? यह माना कि गहलोत इन दिनों राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। 3 जनवरी को भी केन्द्रीय गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह की गहलोत के गृह जिले जोधपुर में सीएए के समर्थन में बड़ी सभा थी। शाह को जवाब देने के लिए गहलोत स्वयं भी तीन जनवरी को जोधपुर में ही रहे। गहलोत राजनीतिक दृष्टि से भाजपा और अमित शाह को जवाब दें, इस पर किसी को भी एतराज नहीं होगा, लेकिन यदि गहलोत देश के टुकड़े होने की बात कहेंगे तो फिर सवाल उठेंगे। गहलोत बताएं कि वे कौन से तत्व है जो सीएए के विरोध में देश के टुकड़े करवा देंगे? गहलोत के ताजा बयान को किसी भी दृष्टि से देश हित में नहीं माना जा सकता है।
सिक्ख समुदाय में रोष:
ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले को लेकर देश भर के सिक्ख समुदाय में रोष व्याप्त है। 4 जनवरी को दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर सिक्ख समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया। सिक्ख समुदाय केन्द्र सरकार से दखल की मांग कर रहा है। आरोप लगाया गया है कि गुरुद्वारे के ग्रंथी की लड़की को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री केप्टन अमरंदर सिंह ने भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मामले में दखल देने का आग्रह किया है।
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