सुलेमानी की मौत का बदला लेने की जिद में ईरान ने 176 निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारा। अंदाजा लगाएं कि यदि युद्ध होगा तो परिणाम कितने घातक होंगे। अब यूके्रन ने मांगा मुआवजा।
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11 जनवरी को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने एक बयान जारी कर कहा है कि 9 जनवरी को यूके्रन का यात्री विमान ईरान की मिसाइल से ही नष्ट हुआ था। रूहानी ने विमान में सवार सभी 176 यात्रियों और विमान स्टाफ की मौत की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि हमारी यह गलती माफी के लायक भी नहीं है। सब जानते हैं कि यूके्रेन का विमान ईरान की मिसाइल का तब शिकार हुआ था, जब अमरीका और ईरान के बीच युद्ध जैसे हालात थे। ईरान अपने सैन्य कमांडर सुलेमानी की मौत का बदला अमरीका से हर कीमत पर लेना चाहता था, इसलिए ईरान ने ईराक स्थित अमरीकी एयरबेस पर हमला किया था। ईरान के बदले की आग में अमरीका का तो कुछ नहीं बिगड़ा। लेकिन यूके्रन के विमान में सवार 176 निर्दोष लोग मारे गए। कहा जाता है कि ईरान ने 176 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी। जब बगैर युद्ध के ही 176 निर्दोष लोग मारे गए हों, तब युद्ध के परिणामों का अंदाजा लगाया जा सकता है। युद्ध की बात करना तो आसान है, लेकिन परिणामों को भुगतना बेहद कष्ट कारी होगा। ईरान और अमरीका को चाहिए कि आपसी मतभेदों को भुलाकर शांति का रास्ता निकाले। ईरान को सुलेमानी की मौत पर खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस की प्रतिक्रिया को भी ध्यान में रखना चाहिए। आईएसआईएस ने सुलेमानी की मौत पर खुशी जताई है और कहा कि अब उनके संगठन को मजबूत होने का अवसर मिलेगा। असल में सुलेमानी ने आईएसआईएस जैसे मुस्लिम संगठनों को नष्ट करने के लिए लम्बा अभियान चलाया था। जबकि आरोप है कि अमरीका अपने स्वार्थों के खातिर आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों को मदद करता रहता है। धर्म ईसाई हो या मुस्लिम किसी भी धर्म में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। प्रभु यीशु मसीह ने तो दुश्मन को भी माफ करने की सीख दी है। वहीं पैगम्बर मोहम्मद साहब ने पहले पड़ौसी को रोटी खिलाने की बात कही है, ऐसे में अमरीका और ईरान के बीच तनाव पर सवाल उठते हैं। ईरान और अमरीका का युद्ध पूरी दुनिया को नुकसान पहुंचाएगा।
अब यूके्रन ने मांगा मुआवजा:
मिसाइल से यात्री विमान गिराने की सहमति के बाद यूके्रन ने ईरान से मृतक यात्रियों के परिजन के लिए मुआवजे की मांग की है। साथ ही दोषी सैन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी की है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने एक बयान जारी कर कहा कि जब ईरान ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है, तब उसे मृतकों के परिजन को मुआवजा देना चाहिए।
एस.पी.मित्तल) (11-01-2020)
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