अजमेर में ख्वाजा उर्स सुकून के साथ सम्पन्न होने पर दरगाह के खादिमों ने प्रशासन का इस्तकबाल किया।
प्रशासन ने मजार पर चादर पेश कर ख्वाजा साहब का शुक्रिया अदा किया।
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सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के सालाना उर्स सुकून के साथ सम्पन्न होने जाने पर सात मार्च को खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान की ओर से अजमेर स्थित दरगाह के महफिल खाने में एक शानदार समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में खादिमों की ओर से जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों का इस्तकबाल किया गया। खादिमों ने अधिकारियों की दस्तारबंदी कर उर्स में माकूल इंतजाम करने के लिए आभार जताया। अंजुमन के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने कहा कि प्रशासन जो इंतजाम करता है, उससे जायरीन को सुविधाएं मिलती है। इस बार प्रशासन ने खादिमों के साथ बेहतर तालमेल कर दरगाह के अंदर भी माकूल इंतजाम किए। अंजुमन के अध्यक्ष मोइन सरकार ने भी जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा और तमाम अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया। इस अवसर पर कलेक्टर के साथ-साथ अतिरिक्त संभागीय आयुक्त सत्तार खान, सिटी मजिस्ट्रेट अरविंद सेंगवा, सुरेश सिंधी आदि भी उपस्थित रहे। पुलिस की ओर से भी अनेक अधिकारी समारोह में उपस्थित थे। राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानूखान बुधवाली ने कहा कि उर्स में माकूल इंतजाम करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विशेष निर्देश दिए थे।
प्रशासन ने चादर पेश की:
जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा के नेतृत्व में प्रशासन के अधिकारियों ने सात मार्च को ही दरगाह में पवित्र मजार पर चादर पेश की। उर्स शुरू होने और समापन पर प्रशासन की ओर से चादर चढ़ाने की परंपरा रही है। उर्स सुकून के साथ सम्पन्न होने पर प्रशासन ने ख्वाजा साहब का शुक्रिया अदा किया। असल में प्रशासन का यह मानना होता है कि ख्वाजा साहब के करम से ही उर्स शांतिपूर्ण तरीके से होता है। इस बार पाकिस्तान के जायरीन की उपस्थिति की वजह से प्रशासन को कुछ ज्यादा ही मशक्कत करनी पड़ी।
(एस.पी.मित्तल) (07-03-2020)
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