अजमेर में खाद्य सामग्री के थोक व्यापारी नहीं खोल पा रहे हैं अपनी दुकानें।
अजमेर में खाद्य सामग्री के थोक व्यापारी नहीं खोल पा रहे हैं अपनी दुकानें।
खाद्य सामग्री के कारोबारियों पर कोई प्रतिबंध नहीं-कलेक्टर शर्मा।
अब फुटकर किराना दुकानों पर सामान की कमी।
दूध की गुणवत्ता की भी जांच हो-डेयरी अध्यक्ष चौधरी।
कारोबारियों पर कोई प्रतिबंध नहीं:
वहीं अजमेर के जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा ने कहा है कि सारकार के निर्देशों के मुताबिक खाद्य सामग्री के थोक कारोबारियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। ऐसे व्यापारी अपने दुकानें खोल सकते हैं। इस संबंध में पुलिस को भी आवश्यक निर्देश दे रखे हैं। थोक व्यापारी को माल की ढुलाई के लिए वाहनों और श्रमिकों के पास चाहिए वे सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय से नियमानुसार प्राप्त किए जा सकते हैं। कलेक्टर ने कहा कि जो भी पाबंदियां लगाई गई है वे सब सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप है। आम लोगों को खाद्य सामग्री आसानी से उपलब्ध होती रहे, यह प्रशासन की प्राथमिकता है।
दूध की गुणवत्ता की जांच हो-चौधरी:
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने कहा कि लॉक डाउन की वजह से डेयरी के दूध की मांग घटी है। लॉक डाउन से पहले दो लाख लीटर दूध की सप्लाई हो रही थी, लेकिन अब एक लाख 70 हजार लीटर दूध की ही बिक्री हो रही है। चौधरी ने जिला प्रशासन से कहा है कि मोटर साइकिल पर घर घर जाकर जो लोग दूध बेच रहे हैं उनके दूध की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए। लॉक डाउन का फायदा उठाकर ऐसे लोग मिलावटी दूध बेचने का प्रयास कर रहे हैं। चौधरी ने माना कि दूध की मांग घटने की वजह से 24 मार्च की शाम और 25 मार्च की सुबह डेयरी के संग्रहण केन्द्रों पर पशु पालकों से दूध नहीं लिया गया। असल में अमूल जैसी डेयरियों ने ग्रामीण क्षेत्रों से दूध खरीदना बंद कर दिया है। इसलिए सभी पशुपालक अजमेर डेयरी के दूध संग्रहण केन्द्रों पर ही सप्लाई कर रहे हैं अजमेर डेयरी का दूध अब पंजाब और हरियाणा भी नहीं जा रहा है। इसी प्रकार स्कूलों के बंद होने से मिल डे मील में भी खपत नहीं हो रही है।
https://play.google.com/store/
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in