राजस्थान में कोरोना काल में चार हजार चिकित्सक सरकार के नियुक्ति आदेश के इंतजार में है। राजस्थान लोक सेवा आयोग में भी अटकी पड़ी है 269 डॉक्टरों की भर्ती परीक्षा। डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं सरकारी अस्पताल।
24 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के कोरोना प्रभावित 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारियों को लेकर वीडियो कॉन्फ़्रेंस के जरिए संवाद किया। ये ऐसे राज्य रहे जहां कोरोना का संक्रमण ज्यादा है। इस कॉन्फ़्रेंस में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी प्रदेश की स्थिति से प्रधानमंत्री को अवगत कराया और केन्द्र से मदद की गुहार की। इसमें कोई दो राय नहीं जिस तरह संक्रमण बढ़ रहा है, उसमें राजस्थान को भी मदद की जरुरत है। लेकिन इसके साथ ही राजस्थान सरकार को भी अपने जिम्मेदारी निभानी चाहिए। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को चार हजार चिकित्सकों की भर्ती करनी है। इस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा भी हो चुकी है। यहां तक कि पात्र चिकित्सकों के दस्तावेजों की जांच भी हो गई है। अब सिर्फ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र देना है। लेकिन ऐसे नियुक्ति पत्र लाल फीताशाही के जाल में उलझे हुए हैं। इधर कोरोना काल में सरकारी अस्पताल चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं तो वहीं चार हजार चिकित्सक नियुक्ति पत्र के इंतजार में बैठे हैं। कई स्वास्थ्य केन्द्रों पर तो डॉक्टर ही नहीं है। ऐसे में कपाउंडर और वार्ड ब्यॉय ही चिकित्सक बने हुए हैं। ज्ञायनिक रोग की महिला चिकित्सकों की तो बेहद कमी है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों पर महिला मरीज़ो की संख्या ज्यादा है। यदि चार हजार चिकित्सकों को आदेश मिल जाए तो चिकित्सकों की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। पूर्व में परीक्षाएं दो बार निरस्त हो चुकी हैं, ऐसे में जब तक नियुक्ति आदेश न मिल जाए तब तक चिकित्सकों में बेचेनी है। सवाल उठता है कि जब सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई है तो फिर सरकार नियुक्ति आदेश क्यों नहीं दे रही? चार हजार चिकित्सकों के साथ साथ राजस्थान लोक सेवा आयोग में भी 269 पदों पर असिसटेंट प्रोफेसर की नियुक्ति भर्ती प्रक्रिया भी अटकी पड़ी है। आयोग ने अगस्त माह में परीक्षा ली थी, लेकिन परीक्षा का परिणाम अभी तक भी जारी नहीं हुआ है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना काल में भी चिकित्सकों की नियुक्ति के मामले में कितनी सुस्ती बरती जा रही है। क्या चिकित्सा विभाग और आयोग में काम को गति देकर चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की जा सकती? एक ओर जब सरकार कोरोना को लेकर गंभीर होने का दावा करती है, तब राजस्थान में चिकित्सकों की नियुक्ति का मामला लटका हुआ है।