अहमद पटेल के निधन का असर राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति पर पड़ेगा। राजस्थान में विवादों के निपटारे के लिए बनी तीन सदस्यीय समन्वय समिति के अध्यक्ष थे अहमद पटेल। सीएम अशोक गहलोत के लिए यह व्यक्तिगत क्षति होगी।
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल का 25 नवम्बर की तड़के निधन हो गया। 71 वर्षीय पटेल कोरोना संक्रमित होने के बाद दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे थे, लेकिन कोरोना ने आखिर पटेल की जान ले ही ली। पटेल गांधी परिवार के सबसे वफादार नेता रहे। डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में जब केन्द्र में 10 वर्षों तक यूपीए की सरकार रही, तब अहमद पटेल श्रीमती सोनिया गांधी को राजनीतिक सलाह देते थे। इससे पटेल की राजनीतिक हैसियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। अहमद पटेल का निधन ऐसे समय में हुआ है, जब कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। एक ओर गुलामनबी आजाद, कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम जैसे नेता बागी हो रहे हैं, तब अहमद पटेल जैसे वफादार नेता का निधन हो गया। यह गांधी परिवार के लिए भारी राजनीतिक क्षति हैं। अहमद पटेल गांधी परिवार के लिए हमेशा संकट मोचक रहे हैं। पटेल का निधन राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति पर भी असर डलेगा। गत जुलाई-अगस्त में जब सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट का विवाद बढ़ा तब विवादों को निपटाने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने तीन सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया। इस समिति का अध्यक्ष पटेल को ही बनाया गया। पटेल ने दिल्ली में समिति के सदस्य केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के साथ दो तीन बार बैठकें भी की। कांग्रेस की राजनीति में पटेल का कद इतना बड़ा रहा कि सचिन पायलट जैसे युवा नेता पटेल के सामने सवाल जवाब करने की स्थिति में नहीं थे। यही वजह रही कि समन्वय समिति के परिणाम की जानकारी आज तक किसी को भी नहीं है। कांग्रेस की राजनीति में अहमद पटेल को सीएम अशोक गहलोत का मददगार माना जाता है। जानकारों के अनुसार दिसम्बर 2018 में गहलोत को सीएम बनवाने में पटेल की भी सक्रिय भूमिका रही। पटेल के निधन का असर राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति पर भी पड़ेगा। हालांकि मौजूदा समय में सीएम गहलोत की स्थिति बहुत मजबूत है और उनके नेतृत्व को चुनौती देने वाला फिलहाल कोई नहीं है। लेकिन गांधी परिवार में गहलोत की पैरवी करने में पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रहती थी। गहलोत पूर्व में पटेल के गृह प्रदेश गुजरात के प्रभारी भी रहे है, इसलिए दोनों में बेहतर तालमेल रहा। पटेल के निधन से गहलोत को भारी आघात लगा है। यही वजह रही कि गहलोत ने 25 नवम्बर के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए। गहलोत पटेल के परिवार के सदस्यों से लगातार सम्पर्क में हैं। अब राजस्थान कांग्रेस का एक ओर सदस्य कम हो गया है।