तो चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा अपने निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी में ही हार गए। 3 में से एक पंचायत समिति में ही कांग्रेस को बहुमत मिला। चुनाव प्रचार के दौरान संक्रमित भी हुए थे मंत्री। बेटे ने डुबोई लुटिया।
अजमेर जिले के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का राजनीतिक घमंड 8 दिसम्बर को पंचायतीराज के चुनाव परिणाम में चूर चूर हो गया। अपने विधानसभा क्षेत्र में दो के बजाए तीन पंचायत समिति करवाने के बाद भी रघु को केकड़ी में अपेक्षित सफलता नहीं मिल सके। ऐसे में इन चुनावों को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया था और लगातार चार दिनों तक गांव गांव घूम कर कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया। ग्रामीणों से मिलने जुलने में कोविड-19 के नियमों का पालन भी नहीं किया। इसका नतीजा यह रहा कि मतदान से एक दिन पहले रघु शर्मा कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। इतना सब कुछ करने के बाद भी केकड़ी में दो पंचायत समितियों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। सबसे बुरी हार रघु की सावर में हुई है। रघु सावर के ही मूल निवासी हैं। यानि रघु अपने घर में ही जीत नहीं पाए। भाजपा ने एक रणनीति के तहत सावर पंचायत समिति चुनाव का प्रभारी केकड़ी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अनिल मित्तल को बनाया। मित्तल ने भाजपा के सभी छोटे बड़े कार्यकर्ताओं को एकजुट किया और रघु शर्मा के खिलाफ तगड़ी रणनीति मनाई। असल में रघु शर्मा ने अपने मंत्री पद का प्रभाव काम में लेते हुए मित्तल को पालिका अध्यक्ष के पद से निलंबित करवाया था। हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने सरकार के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी, लेकिन रघु शर्मा ने उन्हीं आरोपों को आधार बनाकर पुलिस में मुकदमा दर्ज करवा दिया। इतना ही नहीं मित्तल के कारोबार पर भी कई बार छापामार कार्यवाही करवाई गई। केकड़ी में राजनीति द्वेषता से ऐसी कार्यवाही कई लोगों के विरुद्ध की गई। इसी का परिणाम कांग्रेस को पंचायतीराज के चुनाव में भुगतना पड़ा। मंत्री बनने के बाद रघु ने अपने निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी की जिम्मेदारी बेटे सागर शर्मा पर डाल दी। बेटे की कार्यशैली की शिकायत कांग्रेस के नेताओं ने भी की, लेकिन पुत्र मोह में रघु ने कोई कदम नहीं उठाया। पंचायत के चुनाव परिणाम बताते हैं कि केकड़ी में रघु शर्मा की स्थिति कमजोर हुई है। घोषित चुनाव परिणाम के अनुसार केकड़ी पंचायत समिति के 15 वार्डों में से 8 में भाजपा तथा 6 में कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं। जबकि एक वार्ड में निर्दलीय की जीत हुई है। वार्ड संख्या 1 से कांग्रेस के असुंष्ट घनश्याम आचार्य ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और रघु शर्मा को चुनौती दी। रघु ने ही आचार्य का टिकिट कटवाया था। सावर पंचायत समिति के 15 वार्डों में से 8 पर भाजपा, 7 पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं। कांग्रेस को सिर्फ सरवाड़ पंचायत समिति में बहुमत मिला है। यहां 15 वार्डों में से 8 पर कांग्रेस तथा 7 पर भाजपा के उम्मीदवार जीते हैं।
भाजपा बरत रही है सतर्कता:
केकड़ी में मंत्री रघु शर्मा के प्रभाव को देखते हुए अब भाजपा पूरी सतर्कता बरत रही है। भाजपा को अपने विजयी उम्मीदवारों को लेकर भी आशंका है इसलिए सभी उम्मीदवारों को सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है। 10 दिसम्बर को प्रधान पद के चुनाव के समय ही विजयी उम्मीदवारों को मतदान स्थल पर लाया जाएगा।
केकड़ी पंचायत समिति के विजयी उम्मीदवार:
दुर्गा देवी धाकड़, होनहार सिंह राठौड़, लाडा देवी शर्मा, दिनेश कुमार कुर्मी, गोपाल मीणा, कंचन देवी मेघवंशी, पुष्पा कंवर व राजीव धाकड़ (सभी भाजपा)। सुरता बैरवा, जगदीश बैरवा, मंजू तंवर, पन्नालाल बैरवा, सोनू कुमावत व संदीप पाठक (सभी कांग्रेस)। घनश्याम आचार्य निर्दलीय।
सारवाड़ पंचायत समित के विजयी सदस्य:
रामनिवास, लीला देवी, भागचंद स्वर्णकार, कंचन, सत्यपाल, रेखा, सरिता (सभी भाजपा)। आनंद मेघवुशी, शशि, ममता कुमारी, घीसी, रामस्वरूप, गोपाल, पिंकी व कमलेश देवी (सभी कांग्रेस)।
सावर पंचायत समिति के विजयी:
अंजू, तुलसी कुमावत, सोनू कुमारी रैगर, तेजू, प्रभाकरण सिंह, विशाखा, आशा व रविन्द्र प्रताप सिंह (सभी भाजपा)। कैलाश, सुशीला, बंसीलाल, शिवजीराम, लेखराज, भागचंद व कमलेश (सभी कांग्रेस)।
S.P.MITTAL BLOGGER (08-12-2020)
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