चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राठौड़ की सिफारिश से जिन्हें कांग्रेस का टिकिट मिला, वे जमानत भी नहीं बचा पाए। अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में हेमंत भाटी ने अपना वर्चस्व बनाए रखा। 18 में से 11 पार्षद कब्ज़े में। निर्दलीयों का भी समर्थन। मुस्लिम बहुल्य वार्डों के तीनों निर्दलीय उम्मीदवार कांग्रेस के साथ-रलावता।
अजमेर नगर निगम के 80 वार्डों में से कांग्रेस को सिर्फ 18 वार्डों में जीत हासिल हुई है। इतनी बुरी दशा के लिए कांग्रेस के टिकटों की लूट मार होना बताया जा रहा है। गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेन्द्र सिंह रलावता, हेमंत भाटी तथा निवर्तमान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन भी टिकटों के वितरण पर नाराज़गी जता चुके हैं। वरिष्ठ नेता प्रताप यादव का तो आरोप है कि प्रदेश कांग्रेस ने जो उम्मीदवार घोषित किए थे उनके टिकिट कुछ नेताओं ने बदल दिए। यह कारनामा जयपुर रोड स्थित होटल मकराना में किया गया। यही वजह है कि अब सिफारिश करने वाले नेताओं की पोल खुल रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लोहागल के प्रताप नगर क्षेत्र के वार्ड 63 में बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा समय में सीएम अशोक गहलोत के समर्थक धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ की सिफारिश पर बृजेन्द्र सिंह राठौड़ को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन राठौड़ की जमानत जब्त हो गइ्र। राठौड़ को मात्र 463 वोट मिले, जबकि विजयी भाजपा के उम्मीदवार राजेन्द्र सिंह राठौड़ को 2 हजार 397 वोट मिले। इस वार्ड से शौकत अली ने टिकिट मांगा था, लेकिन शौकत का टिकिट काट कर बृजेन्द्र सिंह को दिया गया। शौकत ने निर्दलीय चुनाव लड़ कर एक हजार 739 वोट प्राप्त किए। कांग्रेस उम्मीदवार को सिर्फ 463वोट मिलने से धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ को अपनी स्थिति का अंदाजा लगा लेना चाहिए। यह स्थिति तब हुई है, जब गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार महेन्द्र सिंह रलावता को इसी वार्ड से एक हजार 15 वोट मिले थे। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की सिफारिश पर वार्ड 75 से योगेन्द्र ओझा को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया गया। ओझा को मात्र 146 वोट मिले। इसी प्रकार रघु शर्मा की सिफारिश से ही वार्ड 34 में जयश्री शर्मा को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया गया, जयश्री को मात्र 454 वोट मिले, जबकि भाजपा के विजय उम्मीदवार महेन्द्र राव को 1663 वोट मिले। यहां निर्दलीय उम्मीदवार सरला को 1262 वोट प्राप्त हुए। इसी प्रकार वार्ड 24से श्रीमती पुष्पा शर्मा को भी रघु की सिफारिश से टिकिट मिला, लेकिन पुष्पा शर्मा चुनाव हार गई। कांग्रेस की हार का पोस्टमार्टम करने वाले कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि गलत टिकिट वितरण के कारण ही उत्तर विधानसभा क्षेत्र ेमं वार्ड संख्या 2, 3,4,6, 67, 75, 79, 25 आदि में कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत भी नहीं बची। निवर्तमान शहर कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मुजफ्फर भारती ने मुस्लिम बहुल्य वार्ड 13 से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन भारती भी अपनी जमानत नहीं बचापाए।
भाटी का वर्चस्व बरकरार:
अजमेर दक्षिण से गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे हेमंत भाटी भी टिकिट वितरण में गड़बड़ी होने का आरोप लगा चुके हैं, लेकिन भाटी ने अपने क्षेत्र में अपना वर्चस्व बनाए रखा है। भाटी के समर्थकों को संतोष है कि जिन वार्डों में उनकी सिफारिश से टिकिट दिए गए उनमें से अधिकांश वार्डों में कांग्रेस के उम्मीदवार जीत गए। इनमें वार्ड संख्या 26 से रश्मि हिंगोरानी, वार्ड 32 से आरिफ खान वार्ड 44 से द्रौपदी कोली, वार्ड 48 से चचंल देवी, 49 लक्ष्मी आदि प्रमुख हैं। भाटी का निवास स्थान भी वार्ड 48 में आता है और यहां से कांग्रेस की उम्मीदवार ने 1459 मतों से जीत दर्ज की है। इस वार्ड से कांग्रेस के 2 हजार 638 वोट प्राप्त हुए हैं। भाटी की सिफारिश से उत्तर क्षेत्र के वार्ड संख्या 68 में श्रीमती अनिता चौरसिया को टिकिट मिला और उन्होंने जीत दर्ज की। जिन वार्डों में भाटी की सिफारिश को अनदेखा किया गया, वहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। कई वार्डों में तो भाटी समर्थक निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीते हैं। इनमें वार्ड संख्या 30 से मोहम्मद वसीम, वार्ड संख्या 33 से जावेद खान, 43 से काजल, वार्ड 45 से बीना टाक प्रमुख है। यही वजह है कि अब कांग्रेस के विजयी 18 पार्षदों में से 11 हेमंत भाटी के साथ बताए जा रहे हैं। भाटी समर्थकों का कहना है कि कुछ नेताओं ने भाटी को राजनीतिक दृष्टि से कमजोर करने के लिए भाजपा समर्थक वार्डों में टिकिट देने की छूट दे दी। लेकिन ऐसे वार्डों में भी उम्मीदवारों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है। यदि भाटी के प्रस्तावों को स्वीकार किया जाता तो कांग्रेस की स्थिति मजबूत रहती।
निर्दलीय उम्मीदवार कांग्रेस के साथ:
उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेन्द्र सिंह रलावता ने कहा है कि मुस्लिम बहुल्य तीनों वार्डों से विजय निर्दलीय उम्मीदवार कांग्रेस के साथ हैं। हालांकि कांग्रेस के द्वारा इन वार्डों में उम्मीदवार का चयन नहीं करने से मुस्लिम मतदाताओं में नाराज़गी रही, लेकिन अब वार्ड संख्या 11 के पार्षद अजहर खान, वार्ड 12 की शाहजहाँ बीबी व वार्ड 13 के पार्षद मोहम्मद शकीर कांग्रेस के साथ हैं। रलावता ने भी माना कि टिकटों के गलत वितरण के कारण कांग्रेस का बोर्ड नहीं बना है। इस संबंध में प्रदेश नेतृत्व का भी ध्यान आकर्षित किया है। गलत टिकिट वितरण के कारण कांग्रेस गत विधानसभा चुनाव की स्थिति को भी बरकरार नहीं रख सकी है। उन्होंने प्रदेश नेतृत्व से आग्रह किया है कि जिन नेताओं को सिफारिश से टिकटों का वितरण हुआ उनके परिणामों की समीक्षा की जानी चाहिए। कांग्रेस को अपने ही लोगों को नुकसान पहुंचाया है।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-02-2021)
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