प्रेम प्रकाश आश्रम से जुड़े ओम प्रकाश की गतिविधियों को लेकर अजमेर के सिंधी समुदाय में नाराजगी। मैंने समाज विरोधी कोई काम नहीं किया, मैं आज भी स्वामी ब्रह्मानंद जी को अपना गुरु मानता हंू-ओम प्रकाश।
अजमेर के सुप्रसिद्ध प्रेम प्रकाश आश्रम की धार्मिक गतिविधियों से जुड़े सांई ओम प्रकाश की मौजूदा गतिविधियों को लेकर अब सिंधी समुदाय में नाराज़गी है। आश्रम से जुड़े अनेक श्रद्धालुओं का मानना है कि ओम प्रकाश की गतिविधियों से आश्रम की प्रतिष्ठा भी खराब हो रही है। ओम प्रकाश आज 350 वर्गगज भूखंड पर अपना हक बता रहा है, जबकि वह डेढ़ वर्ष की उम्र से ही आश्रम में स्वामी ब्रह्मानंद जी के पास पल रहा है। ऐसे में भूखंड खरीदने के लिए पैसे कहां से आए? ओम प्रकाश पर भरोसा करते हुए ही स्वामी ब्रह्मानंद ने उसे अपना शिष्य और उत्तराधिकारी बनाया था। तब ओम प्रकाश ने जीवन भर आश्रम में ही अपनी सेवाएं देने का संकल्प लिया था। लेकिन डेढ़ वर्ष पहले आश्रम में आने वाले एक श्रद्धालु लड़की के साथ ओमप्रकाश गायब हो गया। बाद में पता चला कि उसने विवाह कर लिया है। जबकि इस लड़की से ओम प्रकाश राखी बंधवाता रहा। ओम प्रकाश और उसकी पत्नी गौरांगी आश्रम में आकर माहौल खराब कर रहे हैं। स्वामी ब्रह्मानंद जी ने भी ओम प्रकाश को आश्रम की सभी गतिविधियों से अलग कर दिया है। ओम प्रकाश का अब आश्रम की धार्मिक और प्रबंधन की गतिविधियों से कोई सरोकार नहीं है। ओम प्रकाश ने जिस तरीके से गौरांगी से विवाह किया उसके बाद गौरांगी के पिता का भी निधन हो गया। श्रद्धालुओं के अनुसार चौरसियावास रोड स्थित आश्रम में किसी भी व्यक्ति ने ओम प्रकाश ओर उसकी पत्नी के साथ अभद्र व्यवहार नहीं किया। ओम प्रकाश के ऐसे सभी आरोप झूठे हैं। वहीं सांई ओम प्रकाश का कहना है कि उन्होंने समाज और आश्रम की बदनामी करने वाला कोई कार्य नहीं किया है। यदि आश्रम की परंपराओं के विरुद्ध विवाह कर लिया तो अब वे आश्रम की धार्मिक और प्रबंधन से जुड़ी सभी गतिविधियों से अलग हैं। उसको लेकर अपना कोई हक भी नहीं जता रहे हैं। उन्हें प्रेम प्रकाश आश्रम की संपत्तियों से भी कोई सरोकार नहीं हैं। वे आज भी स्वामी ब्रह्मानंद जी को अपना गुरु मानते हैं। जहां तक गौरांगी से विवाह करने का सवाल है तो जब वे आश्रम की धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय थे, तब बुजुर्ग महिलाएं भी उन्हें श्रद्धा के साथ राखी बांधती थी। मैंने गौरांगी से विवाह उनके माता पिता की सहमति से किया है। गौरांगी के पिता की मृत्यु लीवर खराब होने से हुई है। ओम प्रकाश ने कहा कि आश्रम के कुछ लोग स्वामी ब्रह्मानंद जी को गुमराह कर रहे हैं। मेरे और स्वामी जी के बीच आज भी मधुर संबंध बने हुए हैं। मैं समाज के किसी भी व्यक्ति से विवाद नहीं चाहता हंू। मैंने अब आश्रम में जाना भी बंद कर दिया है।
S.P.MITTAL BLOGGER (24-02-2021)
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