श्याम मूंदड़ा ने कहा कि मैं नहीं, कमलजीत मौर्य है नशीली दवाओं के कारोबार का सरगना, मैं तो प्यादा हंू। आखिर उत्तराखंड हिमालय मेडिटेक कंपनी देश में सबसे ज्यादा नशीली दवाइयां जयपुर में ही रम्या फार्मा को क्यों बेचते हैं?
जो अजमेर पुलिस अब तक श्याम मूंदड़ा को ही नशीली दवाओं के कारोबार का सरगना मान रही थी, उसके सामने अब असली सरगना कमलजीत सिंह मौर्य आ गया है। पुलिस को अब मौर्य की सरगर्मी से तलाश है। रेंज के आई एस सेंगाथिर ने भी माना है कि मौर्य को नागौर पुलिस की मदद से तलाशा जा रहा है। अजमेर पुलिस ने गत 23 मई को ब्यावर रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर से सवा पांच करोड़ रुपए की नशीली दवाएं जब्त की थी। तभी से पुलिस अजमेर के बीके कौल नगर निवासी दवा कारोबारी श्याम मूंदड़ा को सरगना बता रही थी। 1 जून को जब साढ़े पांच करोड़ रुपए की और दवाइयां शहर के दो स्थानों से जब्त की गई तब भी कहा गया कि मूंदड़ा ही सरगना है। अजमेर पुलिस ने मूंदड़ा को 11 जून की रात को नागौर के मेड़ता से गिरफ्तार कर लिया। मूंदड़ा की गिरफ्तारी तक कमलजीत मौर्य की कोई चर्चा नहीं थी, लेकिन अब मूंदड़ा ने पुलिस को बताया है कि नशीली दवाओं के कारोबार का सरगना मैं नहीं बल्कि नागौर मेड़ता निवासी कमलजीत मौर्य हैं, मैं तो मौर्य की ही प्यादा हंू। अजमेर रेंज के आईजी एस सेंगाथिर ने भी कहा है कि नशीली दवाओं के कारोबार में मौर्य की विशेष भूमिका है। इसलिए अब नागौर पुलिस की मदद से मौर्य की तलाश की जा रही है। जानकार सूत्रों के अनुसार मूंदड़ा ने पुलिस को बताया है कि उत्तराखंड की हिमालय मेडिटेक कंपनी से करोड़ों रुपए की दवाएं मंगवाने का कार्य भी मौर्य का ही है। ऐसी दवाएं जयपुर में रम्या फार्मा के नाम से मंगाई जाती है। यहां यह उल्लेखनीय है कि जयपुर पुलिस ने भी 23 मई को साढ़े पांच करोड़ रुपए की नशीली दवाएं जब्त की थी। अजमेर-जयपुर में जब्त दवाएं करीब 16 करोड़ रुपए मूल्य की है। सवाल उठता है कि आखिर एक ही फर्म को इतनी दवाओं की सप्लाई क्यों की जाती है? क्या इस अवैध कारोबार में उत्तराखंड की निर्माता कंपनी की भी कोई भूमिका है। माना जा रहा है कि देश में सबसे ज्यादा नशीली दवाएं जयपुर में ही बेची जाती है। ऐसी नशीली दवाएं आमतौर पर ऑपरेशन के बाद मरीज को दी जाती है। डॉक्टर की पर्ची पर भी ये दवाएं दी जाती है। मेडिकल स्टोर के संचालकों को भी बिक्री का रिकॉर्ड रखना पड़ता है। लेकिन माना जा रहा है कि उत्तराखंड से नशीली दवाई मंगवा कर पर्यटक स्थलों पर युवा वर्ग को सप्लाई की जाती है। इन दवाओं में गोली, कैप्सूल के साथ साथ इंजेक्शन भी होते हैं। राजस्थान में उदयपुर, जैसलमेर, पुष्कर, जयपुर आदि विदेशी पर्यटक स्थलों पर होने वाली रेवा पार्टियों में नशीली दवाओं का भरपूर उपयोग होता है। ऐसी दवाएं एमआरपी से कई गुना ज्यादा कीमत पर बेची जाती है। मूंदड़ा ने पुलिस को नशीली दवाओं के कारोबार के तो बारे में जानकारी दी, लेकिन स्वयं को निर्दोष बताया। मूंदड़ा ने पूरे कारोबार के पीछे मौर्य की भूमिका ही स्वीकारी है।
S.P.MITTAL BLOGGER (12-06-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511