विजय मशाल हाथ में थामी तो रिटायर फौजी की 50 साल पहले पाकिस्तान को धूल चटाने वाली यादें ताजा हो गई। लेफ्टिनेंट कर्नल एनडी माथुर को इस बात का गर्व है कि उनके अजमेर के घर की मिट्टी देश के विजय स्मारक में रखी जाएगी। मित्तल अस्पताल के डॉक्टर प्रशांत माथुर को भी गर्व है कि वे एक सैनिक के पुत्र हैं।

सब जानते हैं कि 1971 में भारतीय सेना ने युद्ध में पाकिस्तान की सेना को धूल चटाई थी। पाकिस्तान के टुकड़े कर न केवल बांग्लादेश का निर्माण करवाया, बल्कि पाकिस्तान के 91 हजार सैनिकों को बंधक भी बना लिया। जिन भारतीय सैनिकों ने यह जाबाज कारनामा दिखाया था, उनमें अजमेर के एनडी माथुर भी थे। सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर हुए माथुर अब अजमेर के वैशाली नगर में साकेत कॉलोनी में रह रहे हैं। तीन जुलाई को एक बार माथुर के सामने 50 वर्ष पहले के युद्ध की यादें ताजा हो गईं। असल में इन दिनों देश की चारों दिशाओं में विजय मशाल घूम रही है। यह मशाल उन सैनिकों के घर तक जा रही है जिन्होंने 1971 में पाकिस्तान को धूल चटाई थी। इसी सिलसिले में सेना के अधिकारी अंकुर तिवारी, अनिल कुमार और अनेक जवान 3 जुलाई को सुबह 9 बजे एनडी माथुर के निवास पर भी पहुंचे। माथुर ने जैसे ही विजय मशाल हाथों में थामी तो उन्हें युद्ध की यादें ताजा हो गई। घर आए सैन्य अधिकारियों को माथुर ने बताया कि तब वे 22वीं राजपूत बटालियन में एक कंपनी के इंचार्ज थे। उन्हें रोड जाम करने का काम दिया गया, ताकि पाकिस्तानी सैनिक भाग नहीं सके। जब ड्यूटी दे रहे थे, तभी हारे हुए पाकिस्तानी सैनिकों ने हमला कर दिया, लेकिन हमारी कंपनी जान की परवाह किए बगैर रोड पर जाम को बनाए रखा। ऐसी कार्यवाहियों से पाकिस्तान 91 हजार सैनिकों को बंधक बनाया गया था। 76 वर्षीय माथुर ने कहा कि आज उन्हें बेहद खुशी है क्योंकि सेवा निवृत्ति सैनिकों को इस तरह सम्मानित किया गया है। एक सैनिक के लिए यह बहुत बड़ा सम्मान है। कर्नल माथुर का सीना तब और चौड़ा हो गया, जब सैन्य अधिकारियों ने कलश में उनके घर की मिट्टी को भरा। यह कलश अब दिल्ली स्थित विजय स्मारक पर सुरक्षित रखा जाएगा। कर्नल माथुर को 1972 में राष्ट्रपति ने वीर चक्र से भी सम्मानित किया था। सैन्य अधिकारियों का कहना रहा कि कर्नल माथुर जैसे फौजी भारतीय सेना की शान है। हमें कर्नल माथुर की बहादुरी से प्रेरणा मिलती है। उन्होंने बताया कि रिटायर सैनिकों को सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 16 दिसम्बर 2020 को चार विजय मशाल दिल्ली से रवाना की थी। इन मशालों के कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी को भी देशभक्ति का पाठ पढऩे का अवसर मिल रहा है।डॉ. प्रशांत कुमार को भी गर्व है:अजमेर के पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत कुमार को इस बात का गर्व है कि वे एक जाबाज सैनिक के पुत्र हैं। डॉ. माथुर की पत्नी डॉ. हिमिशा माथुर भी मित्तल अस्पताल में ही कार्यरत हैं। माथुर दम्पत्ति का कहना है कि 3 जुलाई को उनके घर पर देशभक्ति पूर्ण माहौल हो गया। यह पूरे परिवार के लिए सम्मान की बात है। पिता की वजह से ही घर में सेना जैसा अनुशासन भी है। माथुर परिवार की हौसला अफजाई के लिए मोबाइल नम्बर 9828571176 पर डॉ. प्रशांत कुमार से संवाद किया जा सकता या फिर वाट्सएप पर संदेश पोस्ट किया जा सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (03-07-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...