गांधी परिवार के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले ही अजय माकन ने विधायकों के फीडबैक की रिपोर्ट उजागर कर दी। जब सारे विधायक संतुष्ट हैं जो गांधी परिवार राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के बारे में क्या निर्देश देगा? लेकिन सचिन पायलट दिल्ली में ही जमे हुए है और गांधी परिवार के संपर्क में है।
राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन ने 28 व 29 जुलाई को जयपुर में प्रदेश कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों से मुलाकात की। माना तो यह जा रहा था कि विधायकों के फीडबैक के आधार पर माकन अपनी रिपोर्ट दिल्ली में गांधी परिवार के समक्ष प्रस्तुत करेंगे और फिर रिपोर्ट के आधार पर गांधी परिवार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रतिद्वंदी नेता सचिन पायलट के बीच सुलह का रास्ता निकालेगा। लेकिन अजय माकन ने तो 29 जुलाई की रात को ही फीडबैक की रिपोर्ट उजागर कर दी। माकन ने मीडिया से कहा कि सभी विधायकों ने गहलोत सरकार की तारीफ की है। विधायकों का कहना है कि जो कार्य 70 बरस में नहीं हुए वो पिछले ढाई वर्ष में सीएम गहलोत ने करवाए है। यानी फीडबैक में विधायकों ने गहलोत सरकार पर कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की। सवाल उठता है कि अजय माकन ने जब फीडबैक का निष्कर्ष उजागर कर दिया, तब वे गांधी परिवार को क्या रिपोर्ट देंगे? सवाल यह भी है कि जब सब कुछ अच्छा है तो फिर गांधी परिवार गहलोत सरकार के बारे में क्या निर्देश देगा? अजय माकन के कारण से सचिन पायलट द्वारा उठाए मुद्दों पर भी पानी फिर गया है। सब जानते हैं कि माकन के फीडबैक लेने से तीन दिन पहले ही पायलट ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि यदि वायदे पूरे नहीं हुए तो 2023 में कांग्रेस की स्थिति 2003 और 2013 वाली हो जाएगी। जब कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में क्रमश: 59 और 21 सीटें ही मिली थीं। पायलट ने जो मुद्दे उठाए उस पर अजय माकन कोई टिप्पणी नहीं की। माकन का बयान पूरी तरह गहलोत सरकार के पक्ष में है। अब माकन क्या रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और गांधी परिवार क्या निर्णय देगा, यह आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन यह जरूर है कि अजय माकन के कथन से सचिन पायलट और उनके समर्थक खुश नहीं है। माकन जब 27 जुलाई को जयपुर आए थे, तब पायलट उसी दिन दिल्ली चले गए। तभी से पायलट दिल्ली में ही है। जानकार सूत्रों के अनुसार पायलट दिल्ली में रहकर गांधी परिवार के संपर्क में हे। सूत्रों के अनुसार विधायकों से फीडबैक लेने के निर्णय से सचिन पायलट सहमत नहीं थे। गहलोत के मुख्यमंत्री रहते विधायकों से राय जानने का कोई मतलब नहीं है। ऐसी राय तो गहलोत के पिछले दो कार्यकाल में भी जानी गई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम एकदम विपरीत आए। पायलट का कहना है कि भाजपा के शासन में जिन कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया, उन्हें अभी तक भी सरकार में सम्मान नहीं मिला है। यदि फीडबैक के निर्णय पर पायलट की सहमति होती तो वे दिल्ली नहीं जाते। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में रह कर पायलट ने राजस्थान की हकीकत से गांधी परिवार को अवगत करा दिया है। S.P.MITTAL BLOGGER (30-07-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511