अशोक गहलोत के सुशासन! में आसींद के विधायक जब्बर सिंह सांखला सड़क, स्कूल, चिकित्सा जैसी छोटी छोटी मांगों को लेकर 19 दिन से धरने पर बैठे हैं। भीलवाड़ा के कलेक्टर आशीष मोदी भी डीएमएफटी कोष पर भेदभाव कर रहे हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने शासन को सुशासन कहते हैं। गहलोत के इसी सुशासन में भीलवाड़ा जिले के आसींद हुरडा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक जब्बर सिंह सांखला 19 दिन से आसींद के एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। 6 मई को धरना स्थल से ही फोन पर संवाद करते हुए विधायक सांखला ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सड़कों के लिए बजट घोषणा कर रखी है। मैं इस बजट घोषणा के अंतर्गत ही आसींद से करेडा, कटार आदि सड़कों का निर्माण चाहता हंू। इसी प्रकार जिन स्कूलों को दसवीं तक क्रमोन्नत किया गया है। उनके भवनों की मरम्मत और नए कक्षों के निर्माण की मांग भी की गई है। प्राथमिक अस्पतालों को लेकर भी मैंने कई बार आवाज उठाई लेकिन आज तक भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। मैं 19 दिनों से इस भीषण गर्मी में एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठा हंू। लेकिन कांग्रेस सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है। सांखला ने आरोप लगाया कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के कोष का भी समान रूप से उपयोग नहीं हो रहा है। भीलवाड़ा में इस कोष में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की राशि एकत्रित होती है। यह राशि जिले भर में समान रूप से खर्च होनी चाहिए। लेकिन इस राशि को खर्च करने में भीलवाड़ा के जिला कलेक्टर आशीष मोदी भेदभाव कर रहे हैं। कोष की राशि अन्य विधानसभा क्षेत्रों में खर्च करने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है।  लेकिन इस कोष की राशि मेरे निर्वाचन क्षेत्र आसींद-हुरड़ा में भी होनी चाहिए। मैंने कई बार कलेक्टर से आग्रह किया है, लेकिन विपक्ष का विधायक होने के नाते मेरी कोई सुनवाई नहीं होती है। सांखला ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्ष में भीलवाड़ा में महेश जोशी तीसरे प्रभारी मंत्री बने हैं। पहली बार अर्जुन बामनिया और दूसरी बार रघु शर्मा को प्रभारी मंत्री बनाया गया। मैंने हर प्रभारी मंत्री के समक्ष अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को रखा, लेकिन किसी ने भी समस्या के समाधान की पहल नहीं की। सांखला ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार आसींद-हुरडा की जनता को इसलिए परेशान कर रही है, क्योंकि जनता ने भाजपा विधायक के तौर पर मुझे चुना है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा में कहते हैं कि विधायक जो भी प्रस्ताव देंगे, मैं उन पर अमल करुंगा। लेकिन गहलोत की कथनी और करनी में अंतर है। जब बजट घोषणा के अनुरूप ही ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें नहीं बन रही है, तब मुख्यमंत्री के दावों का अंदाजा लगाया जा सकता है। विधायक सांखला ने कहा कि उनके साथ बड़ी संख्या में विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता भी धरने पर बैठे हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक विधायक के 19 दिन के धरने को भी गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इससे इस व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। कांग्रेस सरकार की इस बेरुखी से आसींद-हुरडा विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं में भारी आक्रोश है। मैं विपक्ष में रहते हुए मतदाताओं की भलाई के लिए जो कुछ भी कर सकता हंू मैं कर रहा हंू। उन्होंने कहा कि उनका धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता। सरकार उनके धैर्य की परीक्षा न ले। जनता का आक्रोश जब सड़कों पर आएगा तो फिर सरकार को संभालना मुश्किल होगा। 

S.P.MITTAL BLOGGER (06-05-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

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