आखिर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में क्यों नहीं घूमी? जबकि लोकसभा चुनाव में दो बार से कांग्रेस को राजस्थान में एक सीट भी नहीं मिल रही है।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा किस राज्य में कितने दिन घूमे, यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है। लेकिन जब यह दावा किया जा रहा हो कि राहुल की यात्रा से लोगों को न्याय मिल रहा है, तब यह सवाल वाजि है कि आखिर राहुल की यात्रा राजस्थान में क्यों नहीं घूम रही है? तय कार्यक्रम के अनुसार राहुल ने 25 फरवरी को धौलपुर में एक सभा की और फिर दिल्ली लौट गए। राहुल अब पांच दिनों तक दिल्ली में रहेंगे। 2 मार्च को राहुल धौलपुर आएंगे और फिर राजस्थान की सीमा से मध्यप्रदेश में प्रवेश करेंगे। कहा जा सकता है कि राहुल की यात्रा राजस्थान के सिर्फ धौलपुर शहर तक ही सीमित रही। दो-चार घंटे में ही राजस्थान से गुजर रहे राहुल गांधी मध्यप्रदेश में क्यों जा रहे है, इसको लेकर राजस्थान में ही नहीं कांग्रेस में भी सवाल उठ रहे हैं। राजस्थान में दो माह पहले सत्ता परिवर्तन हुआ है। राहुल ने यात्रा को पहले चरण (कन्याकुमारी से श्रीनगर) में कई दिनों तक राजस्थान में यात्रा की थी, लेकिन यात्रा के दूसरे चरण में राहुल ने राजस्थान में कोई रुचि नहीं दिखाई है। पहले चरण में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी के स्वागत में रेड कारपेट बिछाया। पुरी यात्रा सरकारी संरक्षण में निकली। अधिकांश स्थानों पर खुद अशोक गहलोत मौजूद रहे। कहा जा रहा है कि राजस्थान में पहले जैसा माहौल नहीं है, इसलिए राहुल गांधी राजस्थान से बचकर निकल रहे हैं। पहले चरण की यात्रा के बाद ही राजस्थान में सत्ता परिवर्तन हो गया। राहुल गांधी जब दूसरे चरण की यात्रा कर रहे, तब भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। राहुल की यात्रा के आने से पहले सीएम भजनलाल ने धन्यवाद यात्रा शुरू कर दी हे। सीएम की यह यात्रा उन जिलों में हो रही है, जहां ईआरसीपी के तहत चंबल और कालीसिंध नदी का पानी पहुंचेगा। इसमें धौलपुर जिला भी शामिल है। 25 फरवरी को जब राहुल गांधी ने धौलपुर के बुधपुरा गांव में एक सभा को संबोधित किया तो इससे पहले ही सीएम भजनलाल शर्मा ने अपनी यात्रा में धौलपुर के कई स्थानों पर लोगों से संवाद किया। सीएम की यात्रा राहुल गांधी के साथ निकालने को भी भाजपा की रणनीति माना जा रहा है। मालूम हो कि राजस्थान में भाजपा की सरकार बनते ही ईआरसीपी पर मध्यप्रदेश से समझौता हो गया है। भाजपा इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मानती है।
एक भी सीट नहीं:
सब जानते हैं कि राजस्थान में लोकसभा के दो बार के चुनावों में कांग्रेस को एक सीट भी नहीं मिली है। सभी 25 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार विजयी हुए। अब जब लोकसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, तब राहुल गांधी की यात्रा का राजस्थान में न घूमना कांग्रेस की हताशा को दिखाता है। अच्छा होता कि राहुल गांधी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से जोश भरने के लिए राजस्थान में घूमते। पहले चरण की यात्रा के बाद दावा किया गया था कि इससे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश उत्पन्न हुआ है।
S.P.MITTAL BLOGGER (26-02-2024)
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