तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने में नरेंद्र मोदी का 48 घंटे का तप बहुत मायने रखता है। राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा भी मोदी का अनुसरण कर रहे हैं। पीएम पद के लिए राहुल गांधी के नाम पर सहमति बनाने के लिए इंडिया गठबंधन की बैठक। राहुल के नाम पर ममता बनर्जी सहमत नहीं।
1 जून को जब आम चुनाव के अंतिम चरण का मतदान हो रहा है तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में तप कर रहे हैं। मोदी यह तप 48 घंटों का बताया जा रहा है। सनातन संस्कृति के अनुरूप होने वाले इस ध्यान तप में मोदी का कितना विश्वास है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 1 जून को उनके निर्वाचन क्षेत्र बनारस में भी मतदान हो रहा है, तब मोदी अपने क्षेत्र में मौजूद रहने के बजाए विवेकानंद रॉक मेमोरियल में है। विपक्ष के नेता माने या नहीं, लेकिन तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने में मोदी का 48 घंटे का तप बहुत मायने रखता है। ध्यान और तप से मोदी को जो ऊर्जा मिलती है,उसी की वजह से देश की बड़ी बड़ी समस्याओं का समाधान भी होता है। यदि मोदी के पास तप वाली ऊर्जा न होती तो जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को नहीं हटाया जा सकता था। 2019 से पहले 370 को हटाने की बात करने से भी डर लगता था। इतना ही नहीं अयोध्या में जन्म स्थान पर भगवान राम के मंदिर के बारे में भी कल्पना नहीं की जा सकती थी। जो हाल जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर था, वही हाल अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर था। मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए अनुच्छेद 370 भी हटा और अयोध्या में मंदिर भी बना। देशवासियों को मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का इंतजार है। यही वजह है कि चार जून को नतीजों से पहले मोदी ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 48 घंटे का तप किया है। मोदी को भी पता है कि उन्हें तीसरे कार्यकाल में अनुच्छेद 370, राम मंदिर से भी बड़े काम करना है। इसलिए उन्होंने सनातन संस्कृति की मान्यताओं के अंतर्गत ऊर्जा प्राप्त की है। जो इंडिया गठबंधन सरकार बनाने का ख्वाब देख रहा है, उसके संबंध में मोदी ने पहले ही कह दिया है कि भ्रष्टाचार नेताओं के खिलाफ और सख्त कार्यवाही की जाएगी। यही वजह है कि मौजूदा समय में जो नेता भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं वह घबराए हुए हैं ।
मोदी का अनुसरण:
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी पीएम मोदी का अनुसरण कर रहे हैं। जिस प्रकार मोदी की आस्था सनातन धर्म में है, उसी प्रकार सीएम शर्मा भी सनातन धर्म के प्रति आस्था प्रकट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 31 मई को शर्मा ने राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद 1 जून को भरतपुर स्थित गोवर्धन यात्रा की। उन्होंने मंदिर के दर्शन किए और गिरिराज से प्रार्थना की कि देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बने। सीएम ने भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए वर्षा की भी कामना की। एक और सीएम शर्मा धार्मिक स्थलों पर पूजा पाठ कर रहे हैं तो दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों की भी बैठक ले रहे हैं।
राहुल के नाम पर सहमति:
1 जून को दिल्ली में विपक्ष के इंडिया गठबंधन की बैठक भी हो रही है। इस बैठक से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिाकर्जुन खडग़े ने कहा है कि बहुमत मिलने पर राहुल गांधी ही प्रधानमंत्री पद के दावेदार होंगे। जानकार सूत्रों के अनुसार 1 जून की बैठक में राहुल गांधी के नाम पर सहमति बनाने पर विमर्श होगा। इस बैठक में अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, महबूबा मुफ्ती, फारुख अब्दुल्ला जैसे नेता तो भाग ले रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में आने से इंकार कर दिया है। असल में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने पर ममता बनर्जी सहमत नहीं है। ममता ने पहले ही कह दिया है कि यदि इंडिया गठबंधन को बहुमत मिलता है तो उनकी पार्टी बाहर से समर्थन देगी। यानी ममता की टीएमसी सरकार में शामिल नहीं होगी। सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी दलों की भूमिका से ममता बनर्जी बेहद खफा हे। ममता बनर्जी का मानना है कि कांग्रेस और वाम दलों के संयुक्त उम्मीदवार से भाजपा को फायदा हुआ है। यदि यह चुनाव टीएमसी और भाजपा के बीच होता तो टीएमसी की जीत होती। लेकिन कांग्रेस और वामदल के उम्मीदवारों की वजह से वोटों का खासकर मुस्लिम वोटों का विभाजन हुआ, जिसका फायदा भाजपा को मिला है।
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