पाकिस्तान और बांग्लादेश के कट्टरपंथी एक हुए। अफगानिस्तान पर पहले ही तालिबान का कब्जा है। जो बांग्लादेश में हो रहा वही संभल में हुआ-योगी आदित्यनाथ। भारत का आम मुसलमान अब भी नहीं जागा तो कट्टरपंथ ही हावी होगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 दिसंबर को एक गंभीर और चिंता वाला बयान दिया है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के संभल में वही हुआ जो पडोसी बांग्लादेश में हो रहा है। बांग्लादेश में अगस्त में सत्ता परिवर्तन के बाद कट्टरपंथी जमात के लोग हिंदुओं पर हमला कर रहे हैं। कट्टरपंथियों ने जो तरीका बांग्लादेश में अपनाया वही संभल में भी अपनाया गया। बांग्लादेश और संभल के कट्टरपंथियों को डीएनए एक जैसा है। सीएम योग का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण रखता है कि संभल में 70 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है और यहां के सांसद जियाउर रहमान बरक समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। संभल में मस्जिद प्रकरण को लेकर जिस दिन हिंसा हुई उस से दो दिन पहले सांसद बरक ने जामा मस्जिद के अंदर बैठक की थी। संभल हिंसा में अब पाकिस्तान कनेक्शन भी सामने आ रहे हैं, लेकिन इससे भी चिंताजनक बात यह है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के कट्टरपंथी एक हो गए है। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जो हिंसा हुई उसमें पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठनों की भी भूमिका रही। 1971 में भले ही बांग्लादेश को पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त कराया हो, लेकिन अब दोनों देशों के कट्टरपंथियों का गठबंधन हो गया है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाला कार्यवाहक सरकार ने अपने संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द भी हटा दिया है। यानी बांग्लादेश भी अब पाकिस्तान की तरह कट्टरपंथी इस्लामिक राष्ट्र हो गया है। सब जानते हैं कि अफगानिस्तान में पहले से ही मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन तालिबान का कब्जा है। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि इन तीनों इस्लामिक देशों की सीमा भारत की सीमाओं से जुड़ी है। सड़क मार्ग से भी इन देशों में आवागमन हो सकता है। भारत में भी 25 करोड़ मुस्लिम आबादी है और इनमें से कट्टरपंथी विचारधारा के मुसलमान भी शामिल है। यह सही है कि भारत में रहने वाले आम मुसलमान कट्टरपंथी सोच के नहीं है। हजारों मुस्लिम परिवारों के लड़के लड़कियां कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ रहे हैं। सरकारी विभागों में भी मुस्लिम कार्मिकों की भरमार है। जिन मुस्लिम परिवारों के बच्चे कॉन्वेंट स्कूल कॉलेजों में पढ़ रहे है, वे कभी नहीं चाहेंगे कि भारत में तालिबान, जमात ए इस्लामी, लश्कर ए तैयबा जैसे कट्टरपंथी संगठनों का प्रभाव बढ़। यदि तालिबान और जमात ए इस्लामी जैसी विचारधारा हावी होती है तो फिर भारत में मुस्लिम परिवार के बच्चे स्कूल कॉलेजों में नहीं पढ़ सकेंगे। आज भारत में जो समृद्धि है उसका लाभ मुसलमानों को भी मिल रहा है। दुनिया में मुसलमान सबसे ज्यादा सम्मान और समृद्धि के साथ भारत में रह रहे है। भले ही भारत में हिंदुओं की संख्या ज्यादा हो, लेकिन भी मुसलमान के साथ भेदभाव नहीं किया जाता। उल्टे हिंदुओं के साथ रहने के कारण ही भारत में मुसलमान सुरक्षित है। पाकिस्तान में आज मुसलमान ही मुसलमान को मार रहा है। बांग्लादेश में भी जब हिंदुओं को मार दिया जाएगा या भगा दिया जाएगा, तब मुसलमानों के बीच ही मार काट होगी। तीनों पड़ोसी मुस्लिम देशों में जिस तरह कट्टरपंथी हावी हुए हैं उसे देखते हुए भारत में रहने वाले आम मुसलमानों को अब संभल जाना चाहिए। कोई माने या नहीं लेकिन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में मुस्लिम आबादी महत्वपूर्ण हो गई है हर चुनाव में मुख्य मुद्दा हिंदू मुस्लिम का हो जाता है। भारत में मुसलमानों के रहने पर हिंदुओं को कोई एतराज नहीं है, लेकिन मुसलमानों को यह तय करना होगा कि वे कट्टरपंथी सोच के आने से सोच रोक सकते हैं। जो लोग आज संभल की घटना में कट्टरपंथियों के साथ खड़े हैं उन्हें हालातों को समझने की जरूरत है। यदि संभल की हिंसा को जायज ठहराया गया तो फिर भारत में भी बांग्लादेश जैसे हालात होंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (06-12-2024)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511