आजादी के बाद और आज के भारत में बड़ा अंतर है। सनातन के समक्ष उत्पन्न हुई चुनौतियां से मुकाबला करने के लिए ही संघ हिंदू समाज को संगठित कर रहा है-क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम।
26 जनवरी को अजमेर के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में सनातन के समक्ष चुनौतियां एवं हमारी भूमिका पर एक संगोष्ठी हुई। इस संगोष्ठी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि 1947 और आज के भारत में बहुत अंतर है। आजादी के बाद हमने देखा कि किस तरह तुष्टीकरण की नीति अपनाई गई और जीजी हुई जमीन वापस दे दी गई। किस तरह हम चीन के साथ हुई जंग को हार गए। लेकिन आज भारत की स्थिति में बदलाव हो गया है। आज का भारत आतंकवाद को खत्म करने के लिए एयर स्ट्राक करता है तो दूसरी पड़ोसी मुल्क को समझाने के लिए डोकलाम में सीना तान कर खड़ा रहा है। एक समय था जब किसी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री को चौथी पांचवीं पंक्ति में खड़ा होना पड़ता था, लेकिन अब भारत के विदेश मंत्री को भी पहली पंक्ति में बैठाया जाता है। निंबाराम ने कहा कि हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में जब कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद थे, तब हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर भी पहली पंक्ति में बैठे थे। यानी आज दुनिया के ताकतवर देश भी भारत के महत्व को समझते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के अंदर सनातन धर्म के सामने अनेक चुनौतियां है। इन चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिंदू समाज को एकजुट कर रहा है। भारत की सनातन संस्कृति किसी दूसरे धर्म के लोगों को डराने वाली नहीं है। सनातन संस्कृति में सभी धर्मों का सम्मान है। आज यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि यह राष्ट्र की जो परिकल्पना है, वह अंग्रेजों की देन है। क्या इस संघर्षपूर्ण एक हजार वर्ष के कालखंड से पूर्व भारत नहीं था? क्या 1947 के बाद ही यह देश बना, यह प्रचारित कर हमारे समाज को भ्रमित किया जा रहा है । निंबाराम ने अपने उद्बोधन में बोलते हुए कहा कि आज विश्व पटल पर भारत का एक अलग परिदृश्य है । विकसित भारत के लिए सभी की सहभागिता आवश्यक है । स्वराज, स्वधर्म, स्वतंत्र की स्थापना से ही भारत पुनः विश्व गुरु बनेगा। पंच परिवर्तन के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम प्रकृति के साथ संभव बनाएं, हमारे द्वारा प्रकृति का शोषण नहीं करना चाहिए । जितनी मेरी आवश्यकता है, उतना ही प्रकृति से लेना । जल, पेड़, प्लास्टिक से मुक्ति के ऐसे उपाय करना चाहिए जिससे प्रकृति को कोई नुकसान न हो। कुंभ में संघ द्वारा एक अभियान चलाया गया एक थाली और एक थैला। जिससे हम इतने बड़े आयोजन में प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचे सके हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्वलित किया गया। चित्तौड़ प्रांत के संघचालक जगदीश सिंह राणा, विभाग संघचालक मुकेश अग्रवाल भी उपस्थिति रहे । माधव सेवा प्रन्यास के मंत्री खाजू लाल चौहान ने आभार व्यक्त किया।
S.P.MITTAL BLOGGER (27-01-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511