यह अफसोसनाक है कि तीन सौ वर्ष बाद भी क्रूर शासक औरंगजेब को लेकर भारत में घमासान हो रहा है। नागपुर की घटना देशहित में नहीं।

मुगल शासक औरंगजेब आलमगीर की मौत को हुए तीन सौ वर्ष से भी ज्यादा हो गए, लेकिन यह अफसोसनाक है कि औरंगजेब को लेकर आज भी भारत में घमासान हो रहा है। 17 मार्च को महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब के विवाद को लेकर जो हिंसा हुई उसे देश हित में नहीं माना जा सकता। इस हिंसा में तीन डीएसपी और 20 से भी ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए। इतना ही नहीं सड़कों पर खड़े वाहनों में जमकर तोडफ़ोड़ की गई। कुछ मुस्लिम युवक सड़कों पर उतरे और उन्होंने जमकर हिंसा की। यह हिंसा एक अफवाह के बाद की गई। इससे प्रतीत होता है कि नागपुर में एक सुनियोजित तरीके से मुस्लिम युवकों को भड़काया गया। सवाल यह भी है कि औरंगजेब का लेकर भारत में इतना घमासान क्यों हो रहा है? जबकि इतिहास गवाह है कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में हिंदुओं पर अत्याचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। महाराष्ट्र और देश के नायक शिवाजी को तो भीषण यातनाएं तक दी गई। महाराष्ट्र की रक्षा के लिए शिवाजी ने जो बलिदान दिया उसे महाराष्ट्र के लोग आज भी मानते हैं। लेकिन आज उसी महाराष्ट्र में औरंगजेब के नाम पर हिंसा हो रही है। यानी मरने के बाद भी औरंगजेब के नाम पर हिंदुओं को पीटा जा रहा है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका औरंगाबाद में औरंगजेब की कब्र है। इसे भी अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि आजादी के बाद औरंगजेब की कब्र को भी संरक्षित स्थल मान लिया गया। वैसे तो 1947 में पाकिस्तान का जन्म हो जाने के बाद औरंगजेब की कब्र को भी संरक्षित स्थल की सूची से हटा दिया जाना चाहिए। जिन लोगों को औरंगजेब से मोहब्बत थी या जो लोग औरंगजेब को अपना नायक मानते थे, उन्हें कब्र को भी पाकिस्तान में ले जाना चाहिए था। लेकिन तुष्टीकरण की नीति के चलते औरंगजेब के स्मारक को भारत में ही बनाए रखा गया। आज वो ही औरंगजेब का स्मारक विवाद का कारण बना हुआ है। महाराष्ट्र के लोगों के जेहन में जब औरंगजेब की क्रूरता आती है तो फिर औरंगजेब के स्मारक के प्रति भी गुस्सा नजर आता है। खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सवाल उठाया है कि आखिर औरंगजेब के स्मारक की सुरक्षा क्यों की जाए? गंभीर बात तो यह है कि सीएम फडणवीस के इस बयान को भी हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। यदि नागपुर की हिंसा का एक कारण सीएम फडणवीस का बयान भी है तो यह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है। जिस औरंगजेब ने हिंदुओं पर इतने अत्याचार किए उसके प्रति सहानुभूति नहीं होनी चाहिए। 


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