कश्मीर में जब हिंदुओं पर गोली चलाई जा रही थी, तब दिल्ली में कुछ मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि दूसरी जंग का संकल्प ले रहे थे। मोदी ने तो पहले ही कहा था- गले में मंगलसूत्र तोड़कर ले जाएंगे। हिंदुओं के रहते हुए ही भारत में मुसलमान सुरक्षित रह सकते हैं।
22 अप्रैल को दोपहर को जब श्रीनगर के पहलगाम में कुछ मुस्लिम आतंकी हिन्दू पर्यटक पर गोलियां चला रहे थे, तब दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कुछ मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि भारत में दूसरी जंग लड़ने का संकल्प ले रहे थे। पहलगाम में मुस्लिम आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म और नाम पूछकर गोली मार दी। इस खुले हत्याकांड में 28 पर्यटक मारे गए। हिन्दुओं की हत्या की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। यह संगठन पाकिस्तान से संचालित होता है। सवाल उठता है कि कश्मीर में हिंदू पर्यटकों की हत्या से किसका नुकसान होगा? सब जानते हैं कि तीन दशकों तक जम्मू कश्मीर आतंक की गिरफ्त में रहा। वर्ष 2020 में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर में जो शांति हुई उसी का परिणाम है कि करोड़ों पर्यटक आने लगे। इसका सबसे बड़ा फायदा कश्मीरी मुसलमानों को मिला। अब यदि हिंदू पर्यटक आना बंद कर देंगे तो फिर कश्मीरी मुसलमानों के सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो जाएगा। आतंकियों ने हिंदुओं की हत्या कर कश्मीरी मुसलमानों का ही नुकसान किया है। गंभीर बात तो यह है कि जब कश्मीर में धर्म और नाम पूछकर गोली मारी जा रही थी, तभी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कुछ मुस्लिम संगठनों के आह्वान पर एक सम्मेलन हो रहा था। यह सम्मेलन वक्फ के नए कानून के विरोध में हुआ। कश्मीर के गोलीकांड की शुरुआती खबर जब टीवी चैनलों पर प्रसारित हो रही थी, तभी ताल कटोरा स्टेडियम में मुस्लिम नेताओं द्वारा दिए गए भाषण भी प्रसारित हो रहे थे। वक्फ के नए कानून को मुसलमानों का विरोधी मानते हुए कहा गया कि अब आजादी की दूसरी जंग लड़ी जाएगी। भारत में रहकर जो मुसलमान आजादी की दूसरी जंग लड़ने की बात कह रहे हैं उन्हें यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि भारत में जब तक हिन्दू बहुसंख्यक है, तब तक मुसलमान भी सुरक्षित है। जिस दिन हिन्दू अल्पसंख्यक हो गया, उस दिन भारत में रहने वाले मुसलमान भी सुरक्षित नहीं रहेंगे। इसका उदाहरण मुस्लिम देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में देखा जा सकता है। यह तीनों देश भारत की सीमा से सटे हुए हैं। यहां मुसलमान ही मुसलमानों को मार रहे हैं। भारत में आज मुसलमान इसलिए समृद्धि और सुरक्षा के साथ रह रहा है कि हिन्दू आबादी बहुसंख्यक है। जहां तक वक्फ के नए कानून का सवाल है तो इसका फायदा भी पिछड़ी जाति के गरीब मुसलमानों को ही मिलेगा। सरकार ने कई बार स्पष्ट कर दिया है कि वक्फ की संपत्तियों से जो इनकम होगी, उसे गरीब मुसलमानों के विकास पर ही खर्च किया जाएगा। जब वक्फ के नए कानून का लाभ गरीब मुसलमानों को मिलेगा तो फिर दिल्ली में वे कौन से मुसलमान हैं जो दूसरी जंग लड़ने का संकल्प ले रहे है। तालकटोरा स्टेडियम में एकत्रित नेता बेवजह मुसलमानों को गुमराह कर रहे है कि मस्जिदें, कब्रिस्तान, मदरसे जैसे धार्मिक स्थल छीन लिए जाएंगे। जबकि सच्चाई यह है कि नए कानून से इन धार्मिक स्थलों पर मजबूती मिलेगी। जैसे जर्जर पड़ी मस्जिदों का जीर्णोद्धार होगा तथा कब्रिस्तानों की चार दीवारी कर सुरक्षित बनाया जाएगा।
मोदी ने पहले ही कहा था:
हिन्दू महिलाओं के गले से मंगलसूत्र तोड़कर ले जाएंगे, यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान सभाओं में कही थी, तब अनेक राजनीतिक दलों के नेताओं ने मोदी के इस कथन को गैर जिम्मेदाराना बताया था। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई घटना ने मोदी के कथन को सही साबित किया है। जिन 28 लोगों को मौत के घाट उतारा गया इनमें अधिकांश युवा है। वीडियो में पत्नियों को पति के शव पर बिलखते देखा गया है। पति की मोत के बाद पत्नी का मंगलसूत्र अपने आप टूट जाता है। हृदय विदारक बात तो यह है कि जो युवा जोड़े हनीमून मनाने गए थे, उन्हें भी नहीं बख्शा गया। जिस लड़की की शादी को दो माह पहले हुई हो और उसके पति की गोली मारकर हत्या कर दी जाए तो उस पत्नी की पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (23-04-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511