अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर फिर लगाया आरोप। गहलोत के रहते राजस्थान कांग्रेस में एकता नहीं हो सकती।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 26 जून को अपने गृह जिले जोधपुर में एक बार फिर आरोप लगाया कि जुलाई 2020 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत ने मेरी सरकार को गिराने का प्रयास किया था। गहलोत ने दावे के साथ कहा कि उनके पास इस बात के सबूत है कि सरकार गिराने के लिए पैसे बांटे गए। गहलोत ने भले ही सरकार गिराने का आरोप भाजपा नेताओं पर लगाया हो, लेकिन सीधे तौर पर यह आरोप कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट पर है। जुलाई 2020 में जब पायलट कांग्रेस के 18 विधायकों को लेकर दिल्ली गए थे, तब जयपुर में अशोक गहलोत ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि दिल्ली जाने वाले विधायकों ने 35-35 करोड़ रुपए भाजपा से लिए है। तभी गहलोत ने पायलट को नकारा, निकम्मा, धोखेबाज और गद्दार तक कहा। यह बात अलग है कि तब कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने गहलोत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक कांग्रेस हाईकमान से मिलने दिल्ली आए है। खुद पायलट ने भी गहलोत के आरोपों का खंडन किया। विगत दिनों सचिन पायलट जब जयपुर में गहलोत से मिलने के लिए उनके घर गए तो यह माना गया कि गहलोत और पायलट में मित्रता हो रही है। 11 जून को पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि के समारोह में गहलोत ने कहा भी कि मेरे और सचिन पायलट के बीच कभी विवाद नहीं रहा। मीडिया वाले ही हम दोनों के बीच विवाद की खबरें चलाते हैं, लेकिन 26 जून को गहलोत ने एक बार फिर दर्शाया है कि सचिन पायलट के साथ उनकी कभी भी मित्रता नहीं हो सकती। गहलोत जब जब अपनी सरकार के गिराने का मुद्दा उठाते रहेंगे, तब तब सचिन पायलट पर आरोप लगते रहेंगे। सवाल उठता है कि जब कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने ही गहलोत के आरोपों को खारिज कर दिया है तब गहलोत सचिन पायलट पर आरोप क्यों लगाते हैं? जानकारों की मानें तो कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर ही पायलट जयपुर में गहलोत के घर गए थे। राष्ट्रीय नेतृत्व भी चाहता है कि राजस्थान में कांग्रेस मजबूत हो, लेकिन अशोक गहलोत के रहते राजस्थान में कांग्रेस मजबूत नहीं हो सकती। गहलोत माने या नहीं, राष्ट्रीय नेतृत्व का समर्थन इन दिनों पायलट के साथ है। यही वजह है कि पायलट को राष्ट्रीय महासचिव का पद भी दिया गया है, जबकि तीन बार के मुख्यमंत्री और तीन बार के केंद्रीय मंत्री गहलोत के पास संगठन की कोई जिम्मेदारी नहीं है। गहलोत भी अपनी उपेक्षा को समझ रहे है, इसलिए इन दिनों प्रदेश भर के दौरे कर रहे हैं। गहलोत सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से सक्रिय हैं। गहलोत यदि रात के समय भी ट्रेन से सफर करते हैं तो ट्रेन के ठहराव वाले हर स्टेशन पर समर्थकों को एकत्रित कर अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारे लगवाए जाते हैं। ऐसे वीडियो को खुद गहलोत सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। देखना होगा कि 26 जून को गहलोत ने पायलट पर जो हमला किया है, उसका जबवा पायलट किस प्रकार देते हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (27-06-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511