आखिर भीलवाड़ा का प्रशासन इंटरनेट सेवाओं को ही क्यों बंद करवाता है? नोटबंदी के दिनों और बढ़ रही है परेशानी। =
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दिसंबर माह में यह तीसरा अवसर है जब राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को बंद करवा दिया है। 26 दिसंबर को जो बंद करवाया गया 27 को भी दिनभर जारी रहा। 28 दिसंबर को भी सेवाएं बहाल होंगी या नहीं, इस पर प्रशासन ने कोई निर्णय नहीं लिया है। असल में भीलवाड़ा के कलेक्टर महावीर प्रसाद शर्मा और एसपी प्रदीप मोहन शर्मा यह मानते हैं कि इंटरनेट की सेवाओं से सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैल जाती हंै। चूंकि साम्प्रदायिक दृष्टि से भीलवाड़ा को संवेदनशील माना जाता है इसलिए प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के पीछे भले ही कलेक्टर और एसपी की अपनी सोच हो, लेकिन भीलवाड़ा के आम लोगों का मानना है कि समस्या का समाधान इंटरनेट सेवाओं को बंद करवाना नहीं है। प्रशासन को उन तत्वों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए, जो माहौल को बिगाड़ते हैं। भले ही ऐसे तत्व किसी भी समुदाय से संबंध रखते हों। प्रशासन ने इसी माह 12 और 18 दिसंबर को भी तुरंत इंटरनेट सेवाओं को बंद करवा दिया, लेकिन लोगों के 26 दिसंबर के बंद का मतलब समझ में नहीं आ रहा है। जिस समुदाय ने भीलवाड़ा बंद की घोषणा की थी, उसने बंद भी वापस ले लिया। दोनों ही समुदायों के समझदार प्रतिनिधि हालात को सामान्य बनाने में लगे हुए हैं।
आम व्यक्ति परेशान
भीलवाड़ा में 27 दिसंबर को लगातार दूसरे दिन इंटरनेट सेवाओं के बंद होने से आम व्यक्ति बेहद परेशान है। विद्यार्थियों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही है तो नोटबंदी के दिनों में स्वीप मशीनें भी बंद पड़ी हैं। इतना ही नहीं भीलवाड़ा के युवा नौकरी आदि का कोई आवेदन भी नहीं कर पा रहे हैं। सरकार एक ओर कैशलैस व्यवस्था पर जोर दे रही है, तो दूसरी ओर प्रशासन ने भीलवाड़ा को इंटरनेट लैस कर रखा है। लोगों को होने वाली परेशानी की ओर किसी का भी ध्यान नहीं है। सरकार के किसी बड़े अधिकारी ने भी भीलवाड़ा जाकर हालातों का जायजा नहीं लिया है। ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता, जिसकी वजह से इतना बड़ा फैसला करना पड़ा। विगत दिनों चित्तौड़ रोड पर एक धार्मिक स्थल से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रशासन ने की थी। इसके अलावा और कोई बड़ी घटना भीलवाड़ा में नहीं हुई। यदि अतिक्रमण हटाने के बाद प्रशासन को इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़े तो फिर प्रशासन के अधिकारियों की समझ पर भी सवाल उठते हैं। सरकार को चाहिए कि भीलवाड़ा में जल्द से जल्द इंटरनेट की सेवाएं शुरू करवाई जावें। साथ ही दोनों समुदायों का यह दायित्व है कि भीलवाड़ा में अमन चैन कायम रहे।
(एस.पी.मित्तल) (27-12-16)
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