ख्वाजा साहब की दरगाह में गूंजा बसंत।शाही कव्वाल ने गाया अमीर खुसरो का कलाम। =====================
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3 फरवरी को अजमेर स्थित विश्वविख्यात ख्वाजा साहब की दरगाह में बसंत उत्सव की गूंज हुई। पूरी दुनिया में ख्वाजा साहब की दरगाह को साम्प्रदायिक सद्भावना की मिसाल माना जाता है। इस मिसाल के अनुरूप ही दरगाह के शाही कव्वाल असरार हुसैन और उनके साथियों ने दरगाह परिसर में पीले रंग के फूलों का गुलदस्ता लेकर अमीर खुसरो के कलाम को उमंग के साथ गाया। हिन्दू संस्कृति के बसंत महोत्सव के दौरान ही इस्लामी माह जमादिउल अव्वल की पांच तारीख को दरगाह में बसंत का उत्सव मनाने की परंपरा है। इसलिए 3 फरवरी को शाही कव्वाल ने अमीर खुसरो का लिखा यह कलाम हारमोनियम की धुन के साथ गया-‘ख्वाजा मोइनुद्दीन के घर आती है बसंत, नाजो अदा से झूमना, ख्वाजा की चौखट चूमनाÓ की गूंज रही। बसंत उत्सव को मनाने के लिए प्रात: 11बजे दरगाह के मुख्य द्वार से मजार शरीफ तक एक जुलूस भी निकाला गया। इस जुलूस में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए।
नजमा ने की दरगाह जियारत:
मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने 3 फरवरी को यहां ख्वाजा साहब की दरगाह की जियारत की। नजमा ने सूफी परंपरा के अनुरूप पवित्र मजार पर मखमली और फूलों की चादर पेश की। दरगाह के खादिम मुकद्दस मोईनी ने जियारत करवाई। इससे पहले सर्किट हाऊस में कलेक्टर गौरव गोयल तथा एसपी नितिन दीप ब्लग्गन ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर कलेक्टर ने नजमा को ऐतिहासिक आनासागर झील के सौंदर्यीकरण की भी जानकारी दी।
एस.पी.मित्तल) (03-02-17)
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