विधान परिषद के चुनाव के परिणाम दर्शाते हैं यूपी में भाजपा की सरकार बनेगी। क्या अब विधानसभा का चुनाव प्रभावित नहीं होगा? क्या कर रहा है चुनाव आयोग।
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विधान परिषद के चुनाव के परिणाम दर्शाते हैं यूपी में भाजपा की सरकार बनेगी। क्या अब विधानसभा का चुनाव प्रभावित नहीं होगा? क्या कर रहा है चुनाव आयोग।
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11 फरवरी को जब राहुल गांधी और अखिलेश यादव एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूपी में सपा और कांग्रेस की जीत का दावा कर रहे थे, तभी यूपी विधान परिषद की 4 सीटों के चुनाव परिणाम सामने आ गए। 4 में से 3 पर भाजपा के उम्मीदवारों की जीत हुई है। चौथी सीट पर भी निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीता है। यानि विधान परिषद की 4 में से एक भी सीट सपा-कांग्रेस को नहीं मिली और न ही बसपा की मायावती को मिली। 11 फरवरी को जब यूपी में 73 विधानसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान हो रहा था, तब सपा-कांग्रेस और बसपा ने प्रथम स्थान पर स्वयं को बताया। लेकिन विधान परिषद के परिणाम दर्शाते हैं कि यूपी में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। विधान परिषद के चुनावों के परिणामों का कितना महत्व है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि परिणाम आते ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों को करारा जवाब दिया। मोदी ने कहा कि यदि इन चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों की हार हो जाती तो विपक्ष अब तक यूपी में हल्ला मचा देता। यानि मोदी भी मानते हैं कि इस परिणाम का फायदा भाजपा को विधानसभा चुनावों में मिलेगा। जहां तक परिणाम के निष्पक्ष आंकलन का सवाल है तो विधान परिषद के चुनाव यूपी में कानपुर, गोरखपुर, बरेली और झांसी जैसे बड़े शहरों में हुए। इन शहरों में मुस्लिम मतदाता भी बड़ी संख्या में रहे। एक सीट पर करीब एक लाख से ज्यादा मतदाता थे। इसमें से 80 हजार मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। कानपुर की सीट को यदि उदाहरण के तौर पर लिया जाए तो यहां भाजपा के उम्मीदवार अरूण पाठक को 40 हजार 623 मत मिले जबकि पराजित उम्मीदवार मानेन्द्र स्वरूप को 31 हजार 479 मत मिले यानि पाठक 9 हजार 154 मतों से जीते। इसी प्रकार बरेली में भाजपा को डॉ. जयसिंह बिष्ट तथा गोरखपुर से देवेन्द्र प्रताप सिंह विजयी हुए। विधान सभा चुनाव में सपा से गठबंधन कर कांग्रेस खुश हो रही हो, लेकिन विधान परिषद के चुनाव में बरेली से कांग्रेस के उम्मीदवार कुमुद गंगवार तीसरे स्थान पर रहे हैं। झांसी से निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश कुमार ने जीत दर्ज की है। यदि विधान परिषद की तरह ही विधानसभा के चुनाव में मतदाताओं का रूख रहता है तो यूपी में अपने बूते पर भाजपा की सरकार बनने के आसार है।
क्या कर रहा है चुनाव आयोग ?
यूपी सहित 5 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे है। गत चार फरवरी को पंजाब और गोवा में मतदान हो चुका है, लेकिन इन दोनों राज्यों का परिणाम इसलिए घोषित नहीं किया जा रहा है कि परिणाम का असर दूसरे राज्यों पर पड़ेगा। इसलिए पांचों राज्यों की मतगणना एकसाथ 11 मार्च को कराई जाएगी। सवाल उठता है कि तो फिर चुनाव आयोग ने यूपी में विधान परिषद के चुनाव परिणाम की घोषणा 11 फरवरी को कैसे करवा दी। क्या इससे विधानसभा के चुनाव प्रभावित नहीं होंगे? मजे की बात तो यह है कि इस परिणाम पर राजनीतिक दल खामोश है।
(एस.पी.मित्तल) (11-02-17)
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