रिटायर आईएएस परमेशचन्द्र ने सौ चूहे खाकर बिल्ली ……को चली, कहावत को चरितार्थ किया। अवैध कालॉनियों का अब उठाया मुद्दा।
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22 जून को राजस्थान के रिटायर आईएएस परमेशचन्द्र ने एक पत्र नगरीय विकास विभाग के सचिव मुकेश शर्मा को लिखा है। इस पत्र में अवैध कॉलोनियों में बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर सवाल उठाए गए हैं। परमेशचन्द्र ने अपने पत्र में पूछा है कि जब सरकार की किसी भी संस्था ने भूखंड के पट्टे जारी नहीं किए हैं तो फिर ऐसी अवैध कॉलोनियों में सरकार की मूलभूत सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही है? इसमें कोई दो राय नहीं की परमेशचन्द्र का यह सवाल वाकई महत्त्वपूर्ण है। लेकिन सवाल पर सवाल यह है कि आखिर परमेशचन्द्र ने आईएएस से रिटायर होने के बाद इस मुद्दे को क्यों उठाया है? परमेशचन्द्र राजस्थान और केन्द्र में अनेक महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। हो सकता है कि अनेक अवैध कॉलोनियों में उन्हीं के आदेश से बिजली पानी की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हों। अच्छा होता कि आईएएस रहते हुए परमेशचन्द्र इन मुद्दे को उठाते। अब तो यह भी पता नहीं कि परमेशचन्द्र के इस पत्र का जवाब मुकेश शर्मा देंगे या नहीं। परमेशचन्द्र भी अच्छी तरह समझते हैं कि अवैध कॉलोनियां अफसरों और नेताओं के संरक्षण में बनती हैं और चुनाव में वोट लेने के लिए ऐसी कॉलोनियों में रातों रात बिजली, पानी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। परमेशचन्द्र जब नौकरशाह थे, तब तो नेताओं के इशारों पर नाच करते रहे और आज गंभीर मूुद्दा उठाकर वाह-वाही लूटना चाहते हैं। इसे परमेशचन्द्र की वफादारी ही कहा जाएगा कि रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें राज्य सरकार ने परिसिमन जैसे समिति का अध्यक्ष बना रखा है।
एस.पी.मित्तल) (22-06-17)
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