तो आतंकियों को रास नहीं आ रहा है योगी आदित्यनाथ योगी का यूपी का सीएम बनना। उत्तर प्रदेश के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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तो आतंकियों को रास नहीं आ रहा है योगी आदित्यनाथ योगी का यूपी का सीएम बनना।
उत्तर प्रदेश के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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14 जुलाई को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वयं बताया कि 12 जुलाई को विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता की कुर्सी के निकट 150 ग्राम विस्फोटक पीईटीएन पदार्थ मिला। यदि इस पदार्थ में विस्फोट हो जाता तो सदन के अंदर बड़ा हादसा होता। प्रतिपक्ष के नेता के सामने ही सीएम योगी की कुर्सी है। योगी ने माना कि यह आतंकी साजिश है, इसलिए इसकी जांच एनआईए से करवाई जाएगी। विधानसभा के अंदर विस्फोटक पदार्थ मिलने से प्रतीत होता है कि आतंकियों को योगी का यूपी का सीएम बनना रास नहीं आ रहा है। इससे उत्तर प्रदेश के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। आतंकी यह नहीं चाहते कि यूपी पर हमारी सनातन संस्कृति का अनुसारण करने वाला कोई व्यक्ति शासन करे। आतंकियों ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। अब देखना है कि सीएम योगी किस तरह से मुकाबला करते हैं। आतंकियों ने हाल ही में 7 अमरनाथ यात्रियों को भी मौत के घाट उतार दिया। आतंकी एक के बाद एक ऐसी वारदातें कर रहे हैं, जिससे देश में माहौल खराब हो। यूपी विधानसभा की घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता। इस बात की जांच होनी चाहिए कि विधानसभा के किस कर्मचारी अथवा विधायक के तार आतंकियों से जुड़े हुए हैं। यह सही है कि विस्फोटक पदार्थ उन्हीं ने रखा है, जो सदन के अंदर प्रवेश करने अथवा बैठने का अधिकार रखते हैं। सीएम बनने के बाद से ही योगी की जान को खतरा हो गया था। इसलिए केन्द्र सरकार ने भी योगी को अलग से सुरक्षा उपलब्ध करवाई है। अब चूंकि यूपी में सुरक्षा की जिम्मेदारी योगी की है, इसलिए उन्हें पुख्ता इंतजाम करने होंगे। यूपी के 23 करोड़ लोगों को भी यह भरोसा दिलाना होगा कि योगी राज में वे सुरक्षित हैं। तभी आतंकवादियों को मुंह तोड़ जवाब दिया जा सकता है। हो सकता है कि आने वाले दिनों में आतंकवादी यूपी में भी कोई बड़ी वारदात को अंजाम दें। पाकिस्तान में बैठे भारत के दुश्मन पहले ही कह चुके हैं कि वे भारत में जब चाहे तब वारदात करवा सकते हैं, क्योंकि भारत में सब जगह उनके समर्थक मौजूद हैं। यूपी विधानसभा के अंदर घातक विस्फोटक पदार्थ मिलने से पाकिस्तान में बैठक आतंकियों का कथन सही साहित हुआ है। जब कड़ी सुरक्षा वाले सदन के अंदर विस्फोटक ले जाया जा सकता है तो आतंकवादी अन्य सार्वजनिक स्थानों पर तो आसानी से विस्फोट करवा सकते हैं। देश के आम नागरिक को भी अब आतंकियों को जवाब देना होगा। यदि किन्हीं कारणों से चुप्पी साधे रखी तो फिर देश के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
(एस.पी.मित्तल) (14-07-17)
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