100 में से 85 मुकदमे सरकार के खिलाफ। चीफ जस्टिस ठाकुर ने जताई नाराजगी। लोगों को न्याय पालिका पर ज्यादा भरोसा।
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100 में से 85 मुकदमे सरकार के खिलाफ। चीफ जस्टिस ठाकुर ने जताई नाराजगी। लोगों को न्याय पालिका पर ज्यादा भरोसा।
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देश के चीफ जस्टिस टी.एस. ठाकुर ने कहा कि अदालतों में 100 में से 85 मुकदमे सरकार के खिलाफ होते हैं। सरकार रिलिफ नहीं देती, इसलिए परेशान लोग अदालतों में आते हैं। हो सकता है कि इनमें से कुछ मुकदमे सही नहीं हो, लेकिन ज्यादातर मुकदमों में परेशान लोगों को राहत मिलती है। जम्मू-कश्मीर दौरे पर गए जस्टिस ठाकुर ने ईटीवी न्यूज चैनल से संवाद करते हुए कहा कि यदि कार्यपालिका का रुख ऐसा ही रहता है तो आने वाले दिनों में अदालतों में पांच हजार करोड़ मुकदमे लम्बित हो जाएंगे। वर्तमान में यह आंकड़ा तीन करोड़ तक पहुंच गया है। जिस तेजी से अदालतों में मुकदमों की संख्या बढ़ रही है,उससे यह पता चलता है कि लोगों का भरोसा न्यायपालिका पर है। सरकार चलाने वालों को कई बार ऐसा लगता है कि न्यायपालिका दखल दे रही है। जबकि ऐसा है नहीं। यदि सरकारें संविधान और नियम कायदों के अनुरूप काम करें तो लोगों को अदालत में आना ही नहीं पड़े। जस्टिस ठाकुर ने कहा कि जिस प्रकार न्याय पालिका संवेदनशील होकर काम करती है, उसी प्रकार कार्यपालिका को भी काम करना चाहिए। जस्टिस ठाकुर ने कहा कि देश के न्याय तंत्र पर वे एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जो शीघ्र ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जजों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ अदालतों में संसाधन बढ़ाने की भी सख्त जरूरत है।
(एस.पी. मित्तल) (12-06-2016)
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