खरीफ की फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ा कर मोदी ने लगाया मास्टर स्ट्रोक।
खरीफ की फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ा कर मोदी ने लगाया मास्टर स्ट्रोक। देशभर के किसानों को मिलेगी मदद।
खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 प्रतिशत तक बढ़ाकर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में मास्टर स्ट्रोक लगाया है। धान का समर्थन मूल्य 200 रुपए प्रतिशत क्विंटल बढ़ाया है। पहले जहां 1550 रु मिलते थे वहां अब किसानों को 1750 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिलेगा। सरकार ने मक्का का 1700 रुपए, ज्वार का 2430 तथा कपास का 5150 रुपए प्रति क्विंटल का भाव निर्धारित किया है। देश में कोई 25 करोड़ किसान माने जाते हैं। इसमें से 12 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचेगा। माना जा रहा है कि देशभर में किसानों की दुर्दशा को लेकर जो आंदोलन चल रहे थे, उसे देखते हुए ही समर्थन मूल्य बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसे मोदी का मास्टर स्ट्रोक ही माना जा रहा है। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा था कि मोदी सरकार बड़े उद्योगपतियों की सरकार है, लेकिन समर्थन मूल्य में इतना बड़ा इजाफा कर मोदी सरकार ने जता दिया है कि वह किसानों की सरकार है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि अब किसानों को लागत का डेढ़ गुना मिलेगा। सरकार ने 2 गुणा लाभ देने का वायदा किया है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
विलम्ब से हुआ निर्णयः
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार ने समर्थन मूल्य बढ़ाने का निर्णय विलम्ब से लिया है। अब जब मोदी सरकार के कार्यकाल में एक वर्ष का समय भी नहीं बचा है, तब ऐसा निर्णय लिया है। पिछले चार वर्षों में हजारों किसानों ने आत्महत्या कर ली। वैसे भी अभी किसानों को पूरी लागत का भाव नहीं मिलेगा। सरकार ने सिर्फ आंशिक लागत की भरपाई करने की कोशिश की है। पूर्ण लागत का लाभ भी मिलेगा, जब सरकार लागत मूल्य में भूमि की कीमत भी जोड़ेगी। किसान संगठन लगातार पूर्ण लागत की भरपाई करने की मांग कर रहे हैं। विपक्ष का यह भी आरोप रहा कि स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट पर मोदी सरकार ने चुप्पी साथ रखी है।