मारुति कारों के शोरूम के सीज होने और खोलने के आदेश से अजमेर में भाजपा की राजनीति गर्मायी।

मारुति कारों के शोरूम के सीज होने और खोलने के आदेश से अजमेर में भाजपा की राजनीति गर्मायी। आईएएस पवन अरोड़ा भी उलझे। मंत्री तक पहुंचा विवाद।

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अजमेर में मारुति कारों के शोरूम को सीज करने और फिर सीज मुक्त के आदेश से भाजपा की राजनीति गरमा गई है। शोरूम वाले कॉम्प्लेक्स में ही अन्य कम्पनियों के दफ्तर भी संचालित है। लेकिन इस तीन मंजिला काम्प्लेक्स को गत 30 जून को अवैध मानते हुए नगर निगम ने सीज कर दिया। इतने बड़े कॉम्प्लेक्स के सीज होने से शहर में खलबली मच गई। बताया जा रहा है कि कॉम्प्लेक्स को सीज करने के पीछे मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का रवैया रहा। हालांकि निगम ने जो सीज की कार्यवाही की उसमें कहा गया कि आवासीय नक्शे पर व्यावसायिक निर्माण किया है। भूरूपांतरण भी नहीं करवाया गया। जबकि कॉम्प्लेक्स के मालिक और राजनीति में दखल रखने वाले एसपी सहगल का कहना रहा कि कॉम्प्लेक्स का निर्माण 1990 में ही हो गया था। निगम ने 30 वर्ष बाद द्वेषतापूर्ण कार्यवाही की है। सहगल को उम्मीद थी कि वे स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक पवन अरोड़ा से सीज मुक्ति का आदेश आसानी से ले आएंगे। लेकिन सहगल अपील दायर करते इससे पहले ही नगर निगम से जुड़े एक भाजपा नेता ने निदेशक अरोड़ा को फोन कर दिया। इस नेता का कहना रहा कि यदि मारुति शोरूम के कॉम्प्लेक्स को सीज मुक्त किया गया तो फिर अजमेर में नगर निगम का कोई प्रभाव ही नहीं रहेगा। निगम हाईकोर्ट के आदेश से सीज की कार्यवाही कर रहा है। इस नेता का यह भी कहना रहा कि जयपुर स्थित निदेशालय में रिश्वत देकर आदेश करवाए जा रहे हैं। भाजपा नेता के इस कथन के बाद पवन अरोड़ा इतने दबाव में आ गए कि उन्होंने सीज मुक्ति का आदेश देने से साफ इंकार कर दिया। हालांकि कॉम्प्लेक्स के मालिक सहगल और अरोड़ा के पारिवारिक संबंध है। अरोड़ा के इंकार करने पर सहगल ने नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत के माध्यम से महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, शहर जिला भाजपा के अध्यक्ष अरविंद यादव, भाजपा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य कंवल प्रकाश किशनानी, वरिष्ठ नेता सेामरत्न आर्य आदि से सम्पर्क साधा। सहगल ने भाजपा के नेताओं से आग्रह किया कि वे नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी से सिफारिश की जाए। जानकारों की माने तो भाजपा के एक नेता का कृपलानी को यहां तक कहना रहा कि अजमेर नगर निगम में जो कुछ चल रहा है उसकी वजह से विधानसभा चुनाव में भाजपा को परिणाम भुगतने होंगे। शहर के प्रमुख मार्गों पर धड़ल्ले से आवासीय नक्शों पर व्यावसायिक निर्माण हो रहे हैं, लेकिन निर्माण के दौरान निगम के इंजीनियर सीज की कार्यवाही नहीं कर रहे है। भाजपा नेताओं से कहलवाने के बाद ही कॉम्प्लेक्स के मालिक सहगल ने 3 जुलाई को एक प्रतिवेदन मंत्री कृपलानी के समक्ष प्रस्तुत किया। सहगल ने भी अपनी पीड़ा और नगर निगम के काम काज से कृपलानी को अवगत करवाया। हालांकि कृपलानी ने लिखित में तो कोई आदेश जारी नहीं किए लेकिन निदेशक पवन अरोड़ा से टेलीफोन पर संवाद किया। इसके बाद ही 3 जुलाई की शाम को अरोड़ा ने कॉम्प्लेक्स को सीज मुक्त करने के आदेश दिए। साथ ही नगर निगम के अधिकारियों को आगामी 18 जुलाई को उपस्थित होने के निर्देश दिए। अरोड़ा ने इस आदेश में माना है कि वर्ष 2006 से ही कॉम्प्लेक्स के नियमन का मामला विचाराधीन है, लेकिन निगम के अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की।
शोरूम खुलाः
स्थानीय निगम के निदेशक पवन अरोड़ा के आदेश के बाद 4 जुलाई को अजमेर में जयपुर रोड स्थित मारुति शोरूम और अन्य कंपनियों के काम्प्लेक्स को खोल दिया। कॉम्प्लेक्स के मालिक सहगल ने निगम के आयुक्त हिमांशु गुप्ता को विधिवत आवेदन किया। इसके बाद गुप्ता ने कॉम्प्लेक्स को अस्थाई तौर पर सीज मुक्त करने के निर्देश दिए। इस मामले में 4 जुलाई को भाजपा के पार्षद अनीश मोयल की सकारात्मक भूमिका सामने आई।

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