5 लाख रुपए का प्रतिमाह नुकसान उठाकर दूर दराज के स्कूलों में दूध पहुंचा रही है अजमेर डेयरी। कोई समस्या हो तो सीधे डेयरी अध्यक्ष च ौधरी को बताएं।
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सरकार की मिड डे मील योजना में डेयरी का दूध सप्लाई होने में कोई समस्या हो तो सीधे अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र च ौधरी को उनके मोबाइल नम्बर 9414004111 पर जानकारी दी जा सकती है। च ौधरी ने बताया कि स्कूली बच्चों को पीने के लिए दूध मिले, यह उनका सपना था, जिसे राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने पूरा किया है। उन्हें पता है कि ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे अनेक परिवार हैं जहां दूध के अभाव में चाय तक नहीं बनती है। किसी परिवार में चाय बनती भी है तो पाव भर दूध में 10 सदस्य चाय पी लेते हैं। ऐसे में यदि एक लड़का-लड़की को गिलास भर दूध पीने को मिले तो इससे सुखद बात कोई हो ही नहीं सकती। मैं किसान परिवार से हंू इसलिए ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को समझता हंू। सरकार की योजना में अजमेर डेयरी ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों तथा शहरी क्षेत्रों में डेयरी के बूथों से दूध उपलब्ध करवा रही है, लेकिन अनेक सरकारी स्कूल ऐसे दुर्गम स्थानों पर हैं, जहां समितियां नहीं है। ऐसे स्थानों पर डेयरी के दूध विपणन केन्द्रों से सप्लाई की जा रही है। ऐसा दूध पैक थैलियों में है। पैकिंग वाला दूध 40 रुपए लीटर है, लेकिन डेयरी ग्रामीण क्षेत्रों में 35 रुपए प्रति लीटर ही उपलब्ध करवा रही है। अजमेर जिले में करीब 50 ग्राम पंचायतें हैं, जहां के स्कूलों को पैकिंग वाला दूध दिया जा रहा है। दूर दराज के ऐसे स्कूलों में रोजाना 35 हजार लीटर की सप्लाई होती है। चूंकि समितियों और बूथों की दूध में 5 रुपए प्रति लीटर का अंतर है, इसलिए डेयरी को 5 लाख रुपए प्रतिमाह का नुकसान उठाना पड़ेगा। इस राशि की भरपाई डेयरी स्वंय करेगी। चूंकि इस स्कीम से उनका भावनात्मक लगाव है, इसलिए स्कूल का कोई भी पात्र बच्चा दूध से वंचित नहीं होगा। एक माह में 12 दिन ही दूध की सप्लाई होनी है। 2 जुलाई से सरकारी स्कूलों में प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को विद्यार्थियों को दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है।
भामाशाह उपलब्ध करवाएं चीनीः
डेयरी अध्यक्ष च ौधरी ने कहा कि संबंधित स्कूलों के भामाशाह चीनी उपलब्ध करवाएं, ताकि स्कूल प्रबंधन बच्चों को मीठा दूध पिला सके। सरकार चीनी का प्रावधान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्कूल में दूध सप्लाई में कोई परेशानी हो तो सीधे उन्हें सूचित किया जाए।