संसदीय सचिव शत्रुघ्न गौतम और दो अन्यों के विरुद्ध अदालत ने दिए जांच के आदेश।
संसदीय सचिव शत्रुघ्न गौतम और दो अन्यों के विरुद्ध अदालत ने दिए जांच के आदेश। भाजपा के कार्यकर्ता ने ही लगाया है दुर्व्यवहार का आरोप।
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अजमेर जिले के केकड़ी उपखंड के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज गुप्ता ने केकड़ी के भाजपा विधायक और संसदीय सचिव शत्रुघ्न गौतम सहित तीन व्यक्तियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। मजिस्ट्रेट गुप्ता ने केकड़ी के राम अवतार सिखवाल के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए अजमेर के पुलिस अधीक्षक से कहा है कि वे स्वयं अथवा किसी सक्षम अधिकारी से मामले की जांच करवा कर 19 सितम्बर 2018 को रिपोर्ट पेश करें। मजिस्ट्रेट गुप्ता ने माना की आरोपी गौतम लोकसेवक की श्रेणी में आता है। इस प्रकरण में महत्वपूर्ण बात ये है कि सिखवाल के बयान खुद मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 200 व 202 में दर्ज किए हैं। ऐसा इसलिए किया कि पीड़ित सिखवाल ने केकड़ी पुलिस पर अविश्वास प्रकट किया था। अदालत में प्रस्तुत अपने प्रार्थना पत्र में सिखवाल ने आरोप लगाया कि गत 23 मई को संसदीय सचिव और विधायक शत्रुघ्न गौतम ने कमलेश कैसोट के मोबाइल से उन्हें जान से मारने की धमकी दी। गौतम ने भद्दी गालियां भी दी। इसके बाद केकड़ी पुलिस ने मेरे खिलाफ ही छेड़छाड़ का झूठा मुकदमा दर्ज कर लिया। इससे समाज में मेरी बेइज्जती हुई और मुझे गिरफ्तारी से बचने के लिए इधर-उधर रहना पड़ा। पुलिस ने किसी भी महिला के बयान दर्ज नहीं किए बल्कि विधायक गौतम के सहयोगी रोडमल जाट ने गलत बयानी की। अदालत ने माना की शत्रुघ्न गौतम लोकसेवक की श्रेणी में आता है इसलिए केकड़ी पुलिस के बजाए अन्य किसी सक्षम अधिकारी से जांच की जानी चाहिए। अदालत ने अपने आदेश में गौतम के साथ साथ रोडमल जाट और कमलेश कैसोट के विरुद्ध भी जांच के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि 23 मई को मोबाइल पर जो विवाद हुआ उसका ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था। गौतम के द्वारा भद्दी गालियां दिए जाने को लेकर केकड़ी का राजनीति माहौल भी गर्म हुआ। पीड़ित सिखवाल ने उम्मीद जताई है कि अब अजमेर के पुलिस अधीक्षक न्याय पूर्ण कार्यवाही करवाएंगे। उन्होंने केकड़ी पुलिस स्टेशन पर दर्ज मुकदमे को भी खारिज किए जाने की मांग की है। विधायक पर आरोप लगाने वाले सिखवाल पूर्व में भाजपा युवा मोर्चे के देहात महामंत्री रह चुके हैं।