रिश्वत के आरोपी प्रोफेसर को जेल भेजा। एसीबी की अपील पीड़ित विद्यार्थी जानकारी दें।
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अपनी शोधार्थी छात्रा से पचास हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी के प्रबंधन संकाय के प्रोफेसर सतीश अग्रवाल को 16 अक्टूबर को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। एसीबी ने प्रोफेसर अग्रवाल को एसीबी की विशेष कोर्ट मंे प्रस्तुत किया, जहां अदालत ने 29 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
प्रोफेसर अग्रवाल को 15 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी में ही उस समय गिरफ्तार किया था, जब वे एक शोधार्थी छात्रा से पचास हजार रुपए की रिश्वत ले रहे थे। चूंकि शोधार्थी छात्रा को यूजीसी से तीन लाख रुपए वार्षिक की स्काॅलरशिप मिलती है, इसलिए स्काॅलरशिप पर हस्ताक्षर करने की एवज में रिश्वत मांगी गई थी। प्रोफेसर अग्रवाल के अधीन इस समय सात विद्यार्थी शोध कार्य कर रहे है। इनमें से पांच को स्काॅलरशिप मिलती है। एसीबी को जांच के दौरान जानकारी मिली कि यूनिवर्सिटी के प्रबंधन संकाय में अनेक वित्तीय अनियमितताएं हैं। स्वयं अग्रवाल पर ढाई करोड़ रुपए की रिकवरी है। अनेक फर्मो को भुगतान भी नहीं किया गया है। अधिकांश विद्यार्थी बेहद परेशान हैं। एसीबी के डीएसपी महिपाल च ौधरी ने पीड़ित विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार से जुड़ी जानकारी दें। शिकायतकर्ता का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा। ऐसी जानकारी अजमेर में पुरानी आरपीएससी भवन स्थित एसीबी की चैकी पर दी जा सकती है। साथ ही फोन नम्बर 0145-2976093 तथा ईमेल
acb.op.ajm@gmail.com पर दी जा सकती है। मालूम हो कि गिरफ्तारी के बाद जब प्रोफेसर अग्रवाल के लोहागल क्षेत्र स्थित निवास की तलाशी ली गई तो दो करोड़ रुपए की एफडीआर तथा अजमेर व जयपुर में मकानों के कागजात मिले हैं।