तो क्या भाजपा का वैश्य समाज से मोह भंग हो गया है? अजमेर संभाग की 29 सीटों में से मात्र एक पर वैश्य उम्मीदवार। विनायका की तो लाॅटरी खुली।
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आरोप तो यही लगता है कि भाजपा पर वैश्य समाज हावी है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अब भाजपा का वैश्य समाज से मोह भंग हो गया है। अजमेर संभाग में अजमेर के साथ-साथ भीलवाड़ा, नागौर तथा टोंक जिले भी आते हैं। संभाग में विधानसभा की 29 सीटें हैं, लेकिन इस बार भाजपा ने इन 29 सीटों में से मात्र केकड़ी की सीट पर वैश्य समाज का उम्मीदवार उतारा है। ऐसा नहीं कि वैश्य समाज के भाजपा नेताओं ने दावेदारी नहीं जताई, पूरी ताकत लगाकर टिकिट मांगा, लेकिन भाजपा में जातीय समीकरण इतने हावी रहे कि वैश्य समाज सबसे पीछे ढकेल दिया गया। 29 सीटों में से एक सीट पर वैश्य उम्मीदवार बनाए जाने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा मे ंवैश्य समाज की क्या स्थिति हो गई है। जबकि वैश्य समाज अग्रवाल, जैन, खंडेलवाल, विजयवर्गीय, माहेश्वरी, माथुर वैश्य जैसी छोटी-बड़ी 20 से भी ज्यादा जातियां जुड़ी हुई हैं। जीएसटी की जटिलताओं और नोटबंदी की वजह से वैश्य समाज में पहले ही असंतोश हैं।
विनायका की लाॅटरी खुली:
संभाग की केकड़ी सीट से राजेनद्र विनायका एक मात्र वैश्य उम्मीदवार है। असल में विनायका की तो लाॅटरी खुली है। यही व जह रही कि 19 नवम्बर को नामांकन के अंतिम दिन विनायका को भाजपा का टिकिट दिया गया। असल में यदि टोंक की सीट पर मंत्री यूनुस खान उम्मीदवार नहीं बनते तो केकड़ी में विनायका को उम्मीदवार नहीं बनाया जाता। भाजपा ने टोंक से वैश्य समाज के अजीत सिंह मेहता को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बाद में प्रदेश कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट की कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर घोषणा होने से भाजपा ने मेहता से टिकिट छीन कर यूनुस खान को दे दिया। चूंकि मेहता से टिकिट छीना गया, इसलिए ऐन मौके पर विनायका को केकड़ी से उम्मीदवार बना दिया गया। मेहता भी संभाग में एक मात्र वैश्य उम्मीदवार थे। हालांकि राजनीतिक दृष्टि से विनायका की स्थिति कांग्रेस के उम्मीदवार रघु शर्मा के सामने कमजोर हैं। विनायका केकड़ी नगर पालिका के वार्ड मैम्बर हैं, जबकि रघु शर्मा वर्तमान में अजमेर के सांसद हैं और एक बार केकड़ी के विधायक भी रह चुके हैं। रघु ने जनवरी के लोकसभा उपचुनावों में केकड़ी से 34 हजार मतों की बढ़त ली है।
सांसद का स्तर न घटाएं- सारस्वतः
अजमेर देहात भाजपा के अध्यक्ष प्रो. बीपी सारस्वत ने भाजपा उम्मीदवार विनायका के समर्थन में जोरदार तर्क दिया है। सारस्वत ने केकड़ी के मतदाताओं से कहा कि कांग्रेस के सांसद रघु शर्मा का राजनीतिक स्तर न घटाया जाए। रघु तो सांसद हैं उन्हें विधायक क्यों बनाया जा रहा है? विनायका यदि पार्षद से विधायक बनते हैं तो केकड़ी के मतदाताओं के दोनों में हाथों में मई 2019 तक लड्डू होंगे।
एस.पी.मित्तल) (20-11-18)