मेरे समर्थन से बनी हैं कांग्रेस की सरकार। तो फिर सुभाष गर्ग अधीनस्थ राज्य मंत्री क्यों बने ? यह बड़बोलापन है।
========================================
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री सुभाष गर्ग का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार उनके समर्थन से बनी है। 30 दिसम्बर को अपने निर्वाचन क्षेत्र भरतपुर में आयोजित एक समारोह में गर्ग ने कहा कि कांग्रेस की गाड़ी तो 99 सीटों पर ही अटक गई थी, लेकिन जब मैंने समर्थन दिया तो बहुमत का आंकड़ा 100 तक पहुंचा। यानि मेरी वजह से ही कांग्रेस की सरकार बनी है। यह सही है कि सुभाष गर्ग के समर्थन से ही अशोक गहलोत सीएम और सचिन पायलट डिप्टी सीएम बने है। असल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 5 सीटें सहयोगी दलों को दी थी, लेकिन भरतपुर से राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर सुभाष गर्ग ही विजयी हुए। ऐसे में गर्ग की मंत्री वाली लाटरी भी खुल गई, लेकिन मंत्री सुभाष गर्ग के बयान को बड़बोलापन ही कहा जाएगा क्योंकि गर्ग ने पहले भरतपुर से कांग्रेस का टिकट मांगा था, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट की कसौटी पर खरे नहीं उतरने की वजह से गर्ग का टिकट कट गया। बाद में अशोक गहलोत के फार्मूले से भरतपुर की सीट राष्ट्रीय लोकदल के खाते में चली गई और गर्ग उम्मीदवार बन गए। कहा जाता है कि लोकदल का उम्मीदवार बनवाने में भी गहलोत की भूमिका रही। गहलोत की मेहरबानी से ही गर्ग राज्यमंत्री बने। यदि गर्ग के समर्थन में दम होता तो वे केबिनेट मंत्री बनते। गर्ग को राज्यमंत्री के तौर पर सिर्फ तकनीकी शिक्षा का स्वतन्त्र प्रभार दिया गया है। गर्ग को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के केबिनेट मंत्री रघु शर्मा के अधीन काम करना होगा। सब जानते है कि अशोक गहलोत के 2008 से 2013 तक के कार्यकाल में गर्ग को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। इस बार भी गहलोत ने ही गर्ग का राजनीतिक कद बढ़ाया है, लेकिन जब व्यक्ति को सत्ता का नशा छाने लगता है तो फिर ऐसे ही बयान सामने आते हैं। जिस व्यक्ति को उम्मीदवार होने लायक नहीं माना गया, आज वो ही व्यक्ति राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनवाने का दावा कर रहा है। सुभाष गर्ग को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष का अपना कार्यकाल भी याद रखना चाहिए। गर्ग ने अपने कार्यकाल में करोड़ो रूपये के निर्माण कार्य करवाए और बोर्ड पर वित्तीय अनियमितता करने के गम्भीर आरोप लगे।