नरेन्द्र मोदी को दोबारा से प्रधानमंत्री बनवाने में एकल विद्यालय के आचार्य भी जुटे।
अजमेर में सुभाष काबरा के नेतृत्व में काम शुरू।
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नरेन्द्र मोदी को दोबारा से देश का प्रधानमंत्री बनवाने में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुडे़ एकल विद्यालय अभियान के कोई 80 हजार आचार्य भी जुट गए हैं। मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अभियान से जुड़े आचार्य घर घर जाकर केन्द्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार करेंगे। इसके साथ ही प्रत्येक परिवार के मुखिया और सदस्यों पर एक रिपोर्ट पर तैयार करेंगे। एकल विद्यालय अभियान के अजमेर अंचल के अध्यक्ष सुभाष काबरा ने कहा कि देश के वर्तमान हालातों में नरेन्द्र मोदी का दोबारा से प्रधानमंत्री बनना जरूरी है। यदि देश बचेगा तो एकल विद्यालय जैसे अभ्यिान भी चलते रहेंगे। आज देश भर में एकल विद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है। अभियान से जुड़े आचार्य गांव ढाणी और गरीब बस्तियों में जाकर बच्चों को पढ़ाने का काम करते है। एक अनुमान के मुताबिक एक समय में कोई 25 लाख बच्चे हमारे आचार्यों के साथ सम्पर्क में रहते हैं। जो बच्चे किन्हीं कारणों से स्कूल नहीं जा पाते उन्हें उनके घर के आसपास की प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करवाई जाती है।
अजमेर में काम शुरूः
काबरा ने बताया कि एकल विद्यालय के ग्लोबल चेयरमैन सुभाष चन्द्रा, राष्ट्रीय संयोजक श्याम गुप्त के दिशा निर्देशों के बाद अजमेर अंचल में आचार्यों ने काम काज शुरू कर दिया है। ऐसे आचार्य और संकुल समिति से जुड़े कार्यकर्ता घर घर जाकर मतदाताओं के बारे में जानकारी एकत्रित कर रहे है। यह कार्य आगामी दस मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। जो आचार्य और कार्यकर्ता मतदाताओं से सीधा सम्पर्क कर रहे हैं वे केन्द्र सरकार की योजनाओं की जानकारी भी दे रहे हैं। इस कार्य में चिरंजीलाल शर्मा, अशोक शर्मा, रामगोपाल अग्रवाल, सूरजनारायण पाराशर, रघु पारीक आदि की भी सक्रिय भूमिका है। हमारे कार्यकर्ता मतदाताओं का जो विवरण तैयार कर रहे हैं वह लोकसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण होगा। काबरा ने कहा कि एकल विद्यालय अभियान एक गैर राजनीतिक संगठन है लेकिन वर्तमान में देश के जो हालात है उसमें सभी राष्ट्रवादी एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ताकि नरेन्द्र मोदी जैसे राष्ट्रभक्त राजनेता को दोबारा से प्रधानमंत्री बनाया जा सके। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9829071696 पर सुभाष काबरा से ली जा सकती है। अजमेर में अब तक पुष्कर, नसीराबाद, ब्यावर और मसूदा के आचार्यों की बैठके हो चुकी है।