आशीष चतुर्वेदी भी उम्मीदवारी की जंग में कूदे। 

आशीष चतुर्वेदी भी उम्मीदवारी की जंग में कूदे। 
भाजपा के नेताओं को हलवा नजर आ रहा है अजमेर लोकसभा का चुनाव।
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राजस्थान में भाजपा संगठन में आईटी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आशीष चतुर्वेदी भी अजमेर संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवारी की जंग में कूद पड़े हैं। असल में हाल ही के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा है। अजमेर संसदीय क्षेत्र की आठ सीटों में से चार पर भाजपा को तथा दो पर कांग्रेस को सफलता मिली है। जबकि दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती हैं। किशनगढ़ में तो कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत ही जब्त हो गई। चूंकि अब अजमेर को सुरक्षित माना जा रहा है इसलिए अधिकांश भाजपा नेता हलवा समझ कर खा जाना चाहते हैं। इसी जंग में आशीष चतुर्वेदी भी कूद पड़े हैं। आईआईटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद आशीष चतुर्वेदी अजमेर में लम्बे समय तक शिक्षण कार्य कर चुके हैं। चतुर्वेदी भले ही अजमेर की राजनीति में सक्रिय नहीं रहे हो, लेकिन भाजपा के प्रदेश संगठन में चतुर्वेदी की खास भूमिका रही है। भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रह चुके चतुर्वेदी वर्तमान में ई-लाइब्रेरी के प्रभारी हैं। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह तक से चतुर्वेदी  का सम्पर्क बना हुआ है। दिल्ली में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा जैसे पेरोकार हैं तो राजस्थान में प्रदेश प्रभारी और केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर से भी सम्पर्क बना हुआ है। चूंकि चतुर्वेदी ने विधानसभा के चुनाव में सभी 200 सीटों का डेटा एकत्रित किया है, इसलिए उनके पास अजमेर संसदीय क्षेत्र की स्थिति का ब्यौरा तैयार है। उन्हें प्रत्येक मतदान केन्द्र और कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी है। चतुर्वेदी अजमेर से लोकसभा चुनाव में दावेदार हैं। इसकी जानकारी उन्होंने सभी बड़े नेताओं को दे दी है। चतुर्वेदी के अचानक मैदान में कूदने से संसदीय क्षेत्र के अनेक नेताओं को निराशा हो रही है। चतुर्वेदी ने भले ही अजमेर में शिक्षण कार्य किया हो, लेकिन स्थानीय भाजपा के नेता उन्हें अजमेर का नहीं मानते हैं। अब कहा जा रहा है कि बाहरी नेताओं को रोकने के लिए स्थानीय नेताओं एक समूह बनाया गया है। चतुर्वेदी की उम्मीदवारी से भाजपा का राजनीतिक माहौल गर्मा गया है।  अब चतुर्वेदी के साथ-साथ देहात जिला अध्यक्ष प्रो बीपी सारस्वत, पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाड़िया, पूर्व विधायक भागीरथ च ौधरी, शहर अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा, नगर निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, वरिष्ठ नेता भंवर सिंह पलाड़ा, पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती सरिता गैना, डाॅ. दीपक भाकर, पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम, विकास च ौधरी, सुभाष काबरा, ओबीसी मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश भडाना, रामेश्वर प्रसाद कड़वा आदि भी जोर आजमाइश कर रहे हैं। मोबाइल नम्बर 9414279050 पर चतुर्वेदी से सम्पर्क किया जा सकता है।
सीआर च ौधरी की भी चर्चा:
वर्तमान में नागौर के सांसद और केन्द्रीय मंत्री सीआर च ौधरी  के भी अजमेर से चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है। हाल ही के विधानसभा चुनाव में नागौर में भाजपा के खराब प्रदर्शन की वजह से च ौधरी अपना चुनाव क्षेत्र बदलने की फिराक में हैं। इसको लेकर च ौधरी ने अजमेर में अपनी संभावनाओं को भी तलाशा है। लेकिन च ौधरी का जाट समुदाय में ही विरोध हो रहा है। अनेक जाट नेताओं का कहना है कि यदि सीआर च ौधरी जाट समुदाय में लोकप्रिय होते तो उन्हें नागौर से भागना नहीं पड़ता। चूंकि अजमेर के जाट नेताओं की भी मजबूत दावेदारी है इसलिए वे सीआर च ौधरी का अजमेर में विरोध कर रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (19-02-19)
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