आखिर राजस्थान में यह क्या हो रहा है? कोटा की सेंट्रल जेल में कैदियों ने जवानों पर पत्थर बरसाए।
अजमेर में मनी एक्सचेंजर की दिन दहाड़े हत्या। खेल मंत्री चांदना ने बिजली इंजीनियर को पीटा।
सीएम मुम्बई से लौटे।
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हालांकि किसी भी प्रदेश में अपराध होना अब सामान्य बात है, लेकिन जब कोई पार्टी कानून
व्यवस्था का मुद्दा बना कर सत्ता हांसिल कर ले, तो फिर ऐसी सत्तारुढ़ दल की जवाबदेही भी होती है। राजस्थान में मात्र दो माह पहले जब विधानसभा के चुनाव हुए तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कानून व्यवस्था को भी मुद्दा बनाया। गहलोत का कहना रहा कि वसुंधरा राजे महारानी की तरह मुख्यमंत्री का काम कर रही है, इसलिए अपराधियों पर लगाम नहीं लग रही है। प्रदेश की जनता ने गहलोत के कथन पर भरोसा किया और कांग्रेस को बहुमत दिलवा दिया। अब पिछले दो माह से अशोक गहलोल ही राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं और गहलोत के पास ही गृह विभाग है। 21 फरवरी का ही अपराधिक रिकाॅर्ड देखा जाए तो भयावह है। अजमेर में आगरा गेट के निकट मनी एक्सचेंज का काम करने वाले मनीष मूलचंदानी की दिन दहाड़े हत्या कर दी और कार में आए लूटेरे आठ लाख रुपए की राशि लूट कर ले गए। पुलिस का अभय कमांड केन्द्र और उसके सीसीटीवी कैमरे सभी धरे रह गए। लूट और हत्या के बाद पुलिस नाकाबंदी के नाम पर बिना हेलमेट वाले दुपहिया वाहन चालकों को पकड़ते देखी गई। भरे बाजार और व्यस्त मार्ग से तीन लूटेरे हत्यारे स्विफ्ट कार में भाग जाएं, इससे बड़ी पुलिस की कोई विफलता नहीं हो सकती। अजमेर में कई दिनों से रोजाना चोरियां हो रही हैं। न पुलिस को और न सत्ता में बैठे नेताओं को कोई फिक्र हैं। आम लोग भगवान भरोसे हैं। नए नए मंत्री और विधायक बने कांग्रेसी सत्ता में मदहोश हैं जबकि भाजपा के नेताओं की अभी सत्ता की खुमारी नहीं उतरी है।
कोटा जेल में विद्रोहः
21 फरवरी को ही कोटा सेंट्रल जेल में तब विद्रोह के हालात हो गए, जब कैदियों ने रिजर्व पुलिस के सशस्त्र जवानों पर पत्थर बरसाए। जयपुर जेल में पाकिस्तानी कैदी की हत्या के बाद प्रदेशभर की जेलों में तलाशी अभियान चलाया गया। कोटा जेल में कुछ कैदियों ने पहले तो तलाशी का विरोध किया और जब रिजर्व पुलिस के जवानों को बुलाया गया तो उन पर पत्थर फेंके गए। जेल प्रशासन ने 17 कैदियों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। जब कैदी सशस्त्र जवानों पर पत्थर फेंक रहे होंगे, तब कोटा सेंट्रल जेल के अंदर के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। सुरक्षित समझे जाने वाली जेल के अंदर जब कानून व्यवस्था का यह हाल है तब बाहर अपराधियों के हौंसलों का अंदाजा लगाया जा सकता है। गुंडतत्वों के आगे आम व्यक्ति का जीवन कैसा होगा, इसे भी समझा जा सकता है। जब जेल के अंदर ही कैदियों को सशस्त्र जवानों का डर नहीं है, तब बाहर तो गुंडातत्व पुलिस से डरेंगे ही नहीं।
मंत्री ने इंजीनियर को पीटाः
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को गांधीवादी नेता माना जाता है, लेकिन उनके खेलमंत्री अशोक चांदना उल्टी चाल चल रहे हैं। जयपुर डिस्काॅम के एक्सईएन जेपी मीणा का आरोप है कि गुस्साएं मंत्री चांदना ने उनका गिरेबान पकड़ा और सरेआम थप्पड़ मारे। चांदना ने मीणा की जाति को लेकर जातिसूचक भाषा का भी इस्तेमाल किया। चांदना की दादागिरी को लेकर अब प्रदेशभर के मीणा समाज में नाराजगी है। मीणाओं की यह नाराजगी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान न पहुंचाए, इसके लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने सीएम गहलोत से रिपोर्ट तलब की है। हालांकि मंत्री चांदना ने बिजली इंजीनियर मीणा की पिटाई से इंकार किया है, लेकिन कहा है कि मीणा के काम काज को लेकर शिकायत थी, इसलिए फटकार लगाई। जनता का काम नहीं करने वाले सरकारी कर्मचारियों को फटकार तो लगाई जी जाएगी।
सीएम जयपुर आएः
सीएम गहलोत हर्निया का आॅपरेशन करवाने के लिए मुम्बई गए थे। सफल आॅपरेशन के बाद 22 फरवरी को गहलोत जयपुर लौट आए हैं। गहलोत ने जयपुर लौटते ही सरकारी कामकाज की शुरुआत कर दी है।