पाकिस्तान की प्लांटेड खबरों पर भरोसा नहीं करें भारतीय मीडिया।
अभिनंदन को मेहरबानी नहीं हौंसला अफजाई चाहिए।
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कब्जे में आए हमारे पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को लेकर 27 फरवरी को पाकिस्तान ने जो खबरें प्लांट की उसमें भारतीय मीडिया फंस गया। पाकिस्तान की सेना द्वारा जारी अभिनंदन का वीडियो चैनलों के साथ-साथ अखबारों में प्रकाशित हुआ। मुझे मीडिया घरानों के मालिकांे एवं सम्पादकों की अक्ल और समझ पर तरस आता है। भारतीय मीडिया ने अभिनंदन के मामले में उस मक्कार पाकिस्तान पर भरोसा कर लिया, जिसमें भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को कांच की दीवार बीच में रख पत्नी के वो सारे चिन्ह हटवा दिए जो सुहागिन के होते हैं। सभी भारतीयों को याद होगा कि पाकिस्तान में किन परिस्थितियों में जाधव की पत्नी और मां को मिलवाया गया। क्या अब वो पाकिस्तान हमारे पायलट को चाय पिलाएगा और जांबाजी दिखाने का अवसर देगा? क्या पाकिस्तान के बेरहम सैन्य अफसरों की मौजदूगी में भारत के समर्थन में कोई बात कही जा सकती है? असल में पाकिस्तान को भी पता है कि भारत के पायलट को कब्जाने के बाद अंतर्राष्ट्रीय दबाव पड़ेगा। इसलिए उसने एक रणनीति के तहत अभिनंदन का वीडियो प्लांट करवाया। इसी वीडियो में हमारा पायलट पाकिस्तान में अच्छा व्यवहार होने की बात कह रहा है। उससे यहां तक कहलवाया कि पाकिस्तान के एक मेजर ने उसे भीड़ से बचाया। असल में पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंच पर यह दिखाना चाहता है कि जेनेवा संधि के तहत पायलट के साथ व्यवहार किया जा रहा है। भारतीय मीडिया को यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान किसी भी स्थिति मंे भारत के प्रति सद्भावना नहीं दिखा सकता। हमें पाकिस्तान की किसी खबर पर भरोसा नहीं करना चाहिए। जहां तक पायलट अभिनंदन का सवाल है तो वह भारतीय वायु सेना का एक बहादुर विंग कमांडर है। उसने अपने देश के लिए जान की बाजी लगाई है उसे किसी भी मेहरबानी की जरुरत नहीं है उसे 130 करोड़ भारतीयों की हौंसला अफजाई की जरुरत है। यदि 130 करोड़ भारतीयों का समर्थन मिलेगा तो वह पाकिस्तान से सकुशल वापस आ जाए। राष्ट्र को चाहिए अभिनंदन जैसी खबरों अथवा न्यूज चैनलों पर अभिनंदन को वापस लौटाओं जैसे अभियानों से कुछ नहीं होगा। हमारे जांबाज पायलट का चेहरा आगे रख कर प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया सनसनी फैला सकते हैं, लेकिन अभिनंदन को वापस नहीं लाया जा सकता। किसी भी मीडिया को पायलट के मुद्दे पर सरकार और सेना पर दबाव बनाने की कोई जरुरत नहीं है। सरकार और सेना अपने नजरिए से देश हित में निर्णय ले रही है। फिलहाल सरकार और सेना के निर्णयों की भी आलोचना नहीं करनी चाहिए। कोई सरकार नहीं चाहेगी कि अभिनंदन ज्यादा दिनों तक पाकिस्तान की कैद में रहे। जो मीडिया घराने अभिनंदन पर मेहरबानी बरसा रहे हैं वे भी पाकिस्तान की ही मदद कर रहे हैं। अभिनं दन के पिता भी वायु सेना के रिटायर अफसर हैं उन्होंने भी मीडिया से अपील की है कि मेरे बेटे की कोई खबर नहीं चलाई जाए। वे स्वयं भी मीडिया के कैमरों से दूर हैं।