अजमेर में हजारीमल छोगालाल फर्म के बकायादारों को घबराने की जरुरत नहीं है।

अजमेर में हजारीमल छोगालाल फर्म के बकायादारों को घबराने की जरुरत नहीं है।
कारोबार सूचारू सबका भुगतान करेंगे-पराग गर्ग।
========== 
अजमेर की 130 वर्ष पुरानी फार्म हजारीमल छोगालाल फर्म से जुड़े पराग गर्ग ने भरोसा दिलाया है कि सभी का भुगतान ब्याज सहित किया जाएगा। फर्म को लेकर जो अफवाएं हैं उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। शहर में हमारी फर्म पिछले पचास वर्षों से रुपयों का लेन देन कर रही है। फर्म ने आज तक भी किसी से रुपए की मांग नहीं की। छोटे बड़े कारोबारी स्वैच्छा से राशि देकर गए हैं। हमने बैंकिंग नियमों के अनुरूप चैक भी दिए हैं। यह बात सही है कि कुछ लोगों को निर्धारित तिथि पर भुगतान नहीं किया जा सका है। लेकिन फर्म का कारोबारी सूचारू रूप से चल  रहा है। बैंक से चार करोड़ रुपए की लिमट है जिसका समय समय पर भुगतान किया जाता है। बैंक हमारी कार्यप्रणाली से संतुष्ट है। गर्ग ने बताया कि पूर्वोत्तर के राज्यों में बीएसएनएल की केबल बिछाने का काम हमारी फर्म को मिला हुआ है, यह कार्य कोई बीस करोड़ रुपए का है। हम सेना के सहयोग से केबल बिछाने का कार्य कर रहे हैं। लेकिन किन्हीं कारणों से हमें बीएसएनएल से भुगतान मिलने में विलम्ब हो रहा है। इसमें हमारी फर्म की कोई गलती नहीं है। इसी प्रकार जमीन के अंदर केबिल बिछाने के काम आने वाली मशीन के क्रय विक्रय का कार्य भी हमारी फर्म सूचारू रूप से कर रही है। ऐसी मशीनें हम अमरीका से मंगा कर भारत में बेचते हैं। संभवत: हमारी फर्म अकेली है जो अमरीका से मशीनों का आयात करती है। गर्ग ने उम्मीद जताई कि अगले दो माह में बकायदारों का भुगतान करना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बाजार में चल रही अफवाहों की वजह से बकायदार एक साथ आने लगे हैं। जिसकी वजह से हमें परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी फर्म के पास पर्याप्त मात्र में सम्पत्तियां हैं और हमारी फर्म अजमेर में नहीं बल्कि राजस्थान में प्रतिष्ठित है। हम हमारी फर्म की प्रतिष्ठा को कभी भी खराब नहीं होने देंगे। लोगों को  हमारी फर्म पर भरोसा करना चाहिए।
एस.पी.मित्तल) (09-04-19)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
===========
Attachments area
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...