मानव सेवा की खातिर चार माह से घर नहीं गए मसाणिया भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज।

मानव सेवा की खातिर चार माह से घर नहीं गए मसाणिया भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज। बाबा के चमत्कार से जब पहाड़ टुकड़े टुकड़े हो गया।

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अजमेर के निकट राजगढ़ गांव में मसाणिया भैरव धाम अब मानव सेवा का प्रतीक बन गया है। प्रत्येक रविवार को स्थापित होने वाली भैरव बाबा की चौकी से आशीर्वाद लेने के लिए बीस हजार से भी ज्यादा श्रद्धालु देश भर से आते हैं। यानि एक माह में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु भैरव धाम आकर अपने कष्टों से मुक्ति पाते हैं। यह सिलसिला पिछले बीस वर्षों से लगातार चल रहा है। इससे लोगों का भरोसा ही कहा जाएगा कि हर बार श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। चूंकि भैरव बाबा की चौकी सप्ताह में एक बार स्थापित होती है, इसलिए लोगों को परेशानी हो रही है। राजस्थान सहित पड़ौसी राज्यों से आने वाले पीडि़त चाहते हैं कि भैरव बाबा की चौकी सप्ताह में दो या तीन बार स्थापित हो ताकि अधिक से अधिक लोगों को फायदा मिले। विज्ञान के इस युग में भले ही भूत प्रेत की बात को न माना जाए, लेकिन रविवार को ऐसे महिला-पुरुष आते हैं जो कथित भूत पे्रत के रोग से मुक्ति पाते हैं। शारीरिक विकालंगता हो या अन्य कोई रोना सभी का इलाज का भैरव बाबा के आशीर्वाद से होता है। कैंसर जैसे असाध्य रोग के मरीज भी स्वस्थ हो रहे हैं।
कोई चढ़ावा नहीं:
आमतौर पर यह माना जाता है कि ऐसे चमत्कारिक अथवा धार्मिक स्थलों पर चढ़ावा लिया जाता है। चाहे प्रसाद के नाम पर अथवा पूजा सामग्री के नाम पर शुल्क लिया जाता है, लेकिन राजगढ़ के मसाणिया भैरव धाम पर किसी भी प्रकार से चढ़ावे का प्रावधान नहीं है। जो श्रद्धालु दूर दराज से आते हैं उन्हें चाय नाश्ते की सुविधा भैरव धाम प्रबंध समिति की ओर से की जाती है। भैरव बाब की चौकी पर बैठने वाले उपासक चम्पालाल जी महाराज किसी धनाढ्य व्यक्ति से दान भी नहीं लेते हैं। महाराज का शुरू से ही खनिज खान का कारोबार रहा है। राजगढ़ के निकट ही एक खान से होने वाली आय श्रद्धालुओं पर खर्च की जाती है। कोई दो वर्ष पहले महाराज को आभास हुआ कि राजगढ़ की खान में कीमती खनिज दबा हुआ है। चूंकि यह आभास स्वयं उपासक चम्पालाल जी को हुआ इसलिए खान खोदने का निर्णय लिया गया। महाराज का यह मानना रहा कि यदि कीमती खनिज निकला तो भैरव धाम को और श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी, लेकिन सौ फुट खुदाई के बाद भी खान से खनिज नहीं निकला तो महाराज के परिवार वाले भी मायूस हो गए, लेकिन महाराज अपने संकल्प पर दृढ़ थे। इसलिए अपना निजी मकान बैंक में गिरवी रखकर लोन लिया और पहाड़ को काटने के लिए मशीन खरीदी। हालांकि सौ फुट की गहराई के बाद कोई एक हजार वर्ग गज के क्षेत्र में खुदाई करना जोखिम भरा काम था, लेकिन पहाड़ की इस चुनौती को महाराज ने अपने दृढ़ संकल्प से सामना किया। इसे भैरव बाबा का चमत्कार ही कहा जाएगा कि सौ फुट खुदाई के बाद पहाड़ अपने आप टुकड़े टुकड़े होने लग गया। ऐसा लगा कि मानों कीमती खनिज बाहर निकलने के लिए उतावला हो रहा है। 250 फुट की खुदाई पर कीमती खनिज निकल आया अब जो मिनरल निकल रहा है उसमें कांच, टाइल्स, चीनी के बर्तन आदि सामग्री बनाई जा रही है। उपासक चम्पालाल जी महाराज का कहना कि कीमती खनिज का भंडार अथाह है। यह सब चमत्कार लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं के भरोसे की वजह से ही हुआ है। भैरव बाबा की ताकत श्रद्धालुओं के विश्वास से ही आती है।
चार माह से घर नहीं गए :
उपासक चम्पालाल जी महाराज अजमेर स्थित चन्दबरदाई आवास में रहते हैं, लेकिन पिछले चार माह से महाराज राजगढ़ की खान पर लगाए गए टेंट में रह रहे हैं। इस बार जब तापमान 50 डिग्री के पार जा रहा है तब तपती धूप में महाराज खनिज श्रमिकों के साथ खड़े हैं। टेंट में पंखे तक की सुविधा नहीं है। 11 जून को मेरी मुलाकात चम्पालाल जी महाराज से खान पर ही हुई। महाराज का कहना रहा कि मेरे लिए यही तपस्या है। खान से निकले कीमती खनिज को बेचकर सबसे पहले बैंक का कर्जा चुकाउंगा। इस खनिज से जो भी आय होगी उससे भैरव धाम के विकास और आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा। इसे मैं भैरव बाबा का चमत्कार ही मानता हंू कि पहाड़  अपने आप टूट कर गिर गया। पिछले एक वर्ष से चल रहे खनन कार्य में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। यह बात सही है कि पिछले चार माह से अपने घर नहीं गए हैं, लेकिन संकल्प पूरा हो चुका है। इसलिए जल्द ही घर जाएंगे। नसीराबाद के एसडीएम राजीव चावला भी महाराज के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। पिछले चार माह से एसडीएम चावला कई बार खान पर गए और महाराज से घर जाने का आग्रह किया।
सामाजिक सरोकार :
मसाणिया भैरव धाम प्रबंध समिति सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ी हुई है। राजगढ़ क्षेत्र के अभाव ग्रस्त गांवों में टेंकर के जरिए पेयजल की सप्लाई की जाती है। भैरव धाम पर जरुरत मंद परिवारों के सामूहिक विवाह करवाए जाते हैं। दूल्हा-दुल्हन को सभी प्रकार का घरेलू सामान समिति की ओर से नि:शुल्क दिया जाता है। नशा मुक्ति के क्षेत्र में तो भैरव धाम पूरे देश में विख्यात हो गया है। रविवार को स्थापित होने वाली भैरव बाबा की चौकी पर बैठकर उपासक चम्पालाल जी महाराज स्वयं भले ही बाल्टी भरकर देशी विदेशी शराब का सेवन कर लें, लेकिन भैरव धाम पर आने वाले व्यक्ति को नशा न करने का संकल्प करवाया जाता है। आदतन शराबी या अन्य नशे का सेवन करने वाला व्यक्ति जब भैरव धाम पर संकल्प लेता है तो भविष्य में कभी भी नशा नहीं करता। भैरव धाम के चमत्कारिक और सामाजिक कार्यों की जानकारी मोबाइल नम्बर 9950001400 पर राहुल सेन तथा 9057407002 पर अविनाश सेन व 9414003232 पर प्रकाश रांका से ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल) (12-06-19)
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