पहले शौहर से तलाक करवाया और फिर निकाह का वायदा कर पीर साहब ने शोषण किया। अब पुलिस कहती है सब कुछ सहमति से हुआ। दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है मुस्लिम औरत।

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पहले शौहर से तलाक करवाया और फिर निकाह का वायदा कर पीर साहब ने शोषण किया। अब पुलिस कहती है सब कुछ सहमति से हुआ।
दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है मुस्लिम औरत।
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एक 37 वर्षीय मुस्लिम महिला उस दिन को कोस रही है, जब वह अपने पति का इलाज करवाने के लिए पीर हबीबउल्ला के पास गई थी। पीर साहब ने अहमदाबाद में सरकेस रोड स्थित हाजी बाबा की दरगाह परिसर ने अपने निवास स्थान में बीमार पति का इलाज तो किया, लेकिन आज यह मुस्लिम महिला दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है। इस महिला ने अजमेर के रामगंज पुलिस स्टेशन पर गत 25 जुलाई को एक रिपोर्ट दर्ज करवाई है। इस रिपोर्ट में महिला ने दु:ख भरी दास्तान लिखी है। पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसके मुताबिक पीडि़ता और उसके पति की मुलाकात वर्ष 2005 में पीर हबीबउल्ला के साथ हुई थी। इसके बाद दोनों पति पत्नी पीर साहब की सेवा में भी लगे रहे और पीर साहब ने बहला फुसलाकर वर्ष 2011 में पति से तलाक करवा दिया। तब पीर साहब ने वायदा किया कि तलाक के बाद वे स्वयं निकाह कर लेंगे। निकाह के झांसे में आकर ही महिला ने अपना सब कुछ पीर साहब को समर्पित कर दिया। इतना ही नहीं पीर साहब महिला को अजमेर के दौराई कंचन नगर स्थित अपने दूसरे निवास पर ले आए। लेकिन पिछले 6 माह से पीर साहब पीडि़त महिला से मारपीट और दुव्र्यवहार कर रहे हैं। यहां तक कि उनके बेटे हसन रजा ने सोशल मीडिया पर अश्लीलता व अभद्रता भी दिखाई है। पीडि़त महिला ने अपनी रिपोर्ट में शारीरिक शोषण, मारपीट आदि के गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन रामगंज थाने की पुलिस को यह प्रतीत होता है कि सब कुछ सहमति से हुआ है। इसलिए पुलिस को इस गंभीर मामले में जो मुस्तैदी दिखानी चाहिए, वह नहीं दिखाई जा रही है। वैसे भी पीर साहब प्रभावशाली हैं। इसलिए उनकी एप्रोच पुलिस के आलाधिकारियों तक है। पीडि़त महिला ने अजमेर रेंज की आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल के समक्ष भी अपनी दु:ख भरी दास्तां सुनाई है। लेकिन इसका रामगंज पुलिस स्टेशन पर कोई असर नहीं हुआ है। पुलिस को पीडि़ता की एफआईआर के बजाए पीर हबीबउल्ला ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। उन पर ज्यादा भरोसा है। पीर साहब ने महिला पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए पुलिस से कहा है कि उन्होंने जबरन शारीरिक शोषण नहीं किया, बल्कि मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह किया है। पीर साहब ने यह भी स्वीकार किया कि उनका पूर्व में भी निकाह हो रखा है। वहीं पीडि़ता ने पीर साहिब के साथ निकाह के दस्तावेजों को जाली बताया है। पीडि़ता का कहना है कि निकाहनामे पर मेरे हस्ताक्षर ही नहीं है। पुलिस चाहे तो एफएसएल से जांच करवा लें। पीडि़ता ने रामगंज पुलिस की कार्यवाही पर भी असंतोष प्रकट किया। पुलिस वो सब कुछ कर रही है, जिससे पीर साहब को बचाया जा सकता है।
आरोप झूठे:
वहीं दूसरी ओर पीर हबीबउल्ला ने कहा है कि जो महिला मुझे पर शारीरिक शोषण का आरोप लगा रही है, वह मेरी पत्नी है। मैंने इस महिला के साथ मुस्लिम धर्म के अनुरूप निकाह किया है। आज भी यह महिला मेरे अजमेर स्थित आवास पर रह रही है। मेरी पत्नी के रूप में ही इस महिला ने अजमेर में मेरे एक पुत्र की देखभाल भी की है। लेकिन अब सम्पत्ति को लेकर विवाद की वजह से यह महिला मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगा रही है।
(एस.पी. मित्तल) (10-08-2016)
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