पचास दिनों से धरने पर बैठे हैं व्यावसायिक शिक्षा के संविदा कर्मी। 

पचास दिनों से धरने पर बैठे हैं व्यावसायिक शिक्षा के संविदा कर्मी।
गहलोत सरकार कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रही।
राजस्थान की एक हजार सरकारी स्कूलों में कबाड़ हो रहा है सामान। 

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20 अगस्त को जयपुर में कलेक्ट्रेट के बाहर व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े संविदा कर्मियों का धरना पचासवें दिन भी जारी रहा। बरसात के दौरान भी संविदा कर्मी धरने पर बैठे हुए हैं। इन संविदा कर्मियों को राजस्थान में सरकार बदलने का खामियाजा उठाना पड़ रहा है। ऐसे कोई दो हजार कर्मी प्रदेश भर में हैं। सरकार के रवैये की वजह से प्रदेश की एक हजार स्कूृलों में रखा 15-15 लाख रुपए का सामान भी कबाड़ हो रहा है। गत भाजपा शासन में कौशल विकास की दृष्टि से प्रदेश की एक हजार सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा शुरू की गई। इसके अंतर्गत एक स्कूल में दो व्यावसायिक शिक्षक भी अनबुंध पर नियुक्त किए गए। कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा देने के लिए दस से पन्द्रह लाख रुपए की मशीने उपकरण आदि भी खरीदे गए। चूंकि कौशल विकास की यह योजना केन्द्र सरकार की है इसलिए कुल खर्च की सात प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार के द्वारा देय हैं। भाजपा शासन में प्रतिवर्ष व्यावसायिक शिक्षा के शिक्षकों के अनुबंध को बढ़ाया जाता रहा। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर शिक्षकों के अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया गया। कांग्रेस सरकार ने नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू तो चार वर्ष पुराने शिक्षक कोर्ट चले गए। कोर्ट ने आदेश दिया कि पुराने शिक्षकों को हटाया नहीं जा सकता। सरकार स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा में सहयोग करने वाली संस्थाओं में बदलाव कर सकती है। लेकिन नए शिक्षकों की भर्ती नहीं कर सकती। इस आदेश के बाद उम्मीद थी कि पुराने शिक्षकों के अनुबंध का नवीनीकरण हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गत 30 जून के बाद किसी भी शिक्षक का नवीनीकरण नहीं हुआ है। इससे पहले भी कोई डेढ़ वर्ष से शिक्षकों का वेतन बकाया है। अब जहां हजारों शिक्षक नौकरी से वंचित हो गए हैं, वहीं स्कूल में रखा सामान भी कबाड़ हो रहा है। व्यावसायिक प्रशिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री कमलेश रैगर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह किया है कि शिक्षकों के अनुबंध का नवीनीकरण किया जाए। इससे स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा का काम भी ठप हो गया है। यानि राजस्थान में कौशल विकास की योजना बंद पड़ी है। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 7726912999 पर कमलेश रैगर से ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल) (20-08-19)
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