डिप्टी सीएम सचिन पायलट के विभाग द्वारा जारी विज्ञापन में सीएम अशोक गहलोत का फोटो नहीं।
राजीवजी की तरह काम करें सीएम गहलोत-पायलट।
20 अगस्त को प्रदेश के प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी की 75वीं जयंती को लेकर राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की ओर से पूरे पृष्ठ का विज्ञापन छपा है। सरकार के इस विज्ञापन में ग्रामीण विकास की योजनाओं का उल्लेख तो है, लेकिन सीएम अशोक गहलोत का फोटो नहीं है। जबकि सरकार की उपलब्धियों वाले सभी विज्ञापनों में मुख्यमंत्री का फोटो लगाया जाता है। राजस्थान में पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री डिप्टी सीएम सचिन पायलट हैं। असल में पायलट के विभागों द्वारा जारी विज्ञापनों में सीएम गहलोत के फोटो से परहेज ही किया जाता है। ऐसा नहीं कि राजीव गांधी की जयंती पर जारी सरकार के विज्ञापनों में सीएम का फोटो नहीं है लगाया जा रहा है। 19 अगस्त को ही जयंती के विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर पूरे पृष्ठ के जो विज्ञापन छपे, उनमें सीएम गहलोत का फोटो लगा हुआ है। यानि सिर्फ ग्रामीण विकास और पंचायती राज के विज्ञापन में ही सीएम का फोटो नहीं है। इस विभाग के अधिकारी तो नियम कायदे समझते हैं, इसलिए सरकार के विज्ञापन में सीएम के फोटो का प्रस्ताव दिया ही होगा, लेकिन इसके बाद भी सीएम का फोटो न लगना राजस्थान में सरकार और संगठन की स्थिति को उजागर करता है। सचिन पायलट सरकार में डिप्टी सीएम होने के साथ साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। 19 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी की जयंती पर जयपुर के बिड़ला ऑडीटोरियम में अनेक कार्यक्रम हुए, लेकिन इन कार्यक्रमों में डिप्टी सीएम की कहीं भी उपस्थिति नहीं देखी गई, जबकि सीएम गहलोत दिन भर उपस्थित रहे। 20 अगस्त को जयंती पर पंचायती राज स्वायत्त शासन सशक्तिकरण को लेकर एक सत्र रखा गया। इस सत्र के मुख्य अतिथि सीएम गहलोत रहे, जबकि अध्यक्षता डिप्टी सीएम पायलट ने की। हालांकि गहलोत और पायलट आपसी मतभेदों से हमेशा इंकार करते हैं, लेकिन अनेक मौकों पर दोनों के बीच सद्भावाना भी नहीं दिखती। राजीव गांधी की जयंती पर यदि और कोई विभाग विज्ञापन जारी करता तो क्या उसके मंत्री में सीएम का फोटो नहीं लगाने की हिम्मत होती? ऐसी हिम्मत तो सचिन पायलट का ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ही दिखा सकता है। सरकारी विज्ञापन में सीएम का फोटो न छपना भले ही कुछ लोगों को मामूली बात लगे, लेकिन यह घटना राजस्थान में सरकार और संगठन के लिए बड़ी है।
राजीव गांधी की तरह काम करे-पायलट:
20 अगस्त को जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में स्व. राजीव गांधी की जयंती पर श्रद्धांजलि सभा रखी गई। इस सभा में सीएम अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, सभी मंत्री, पदाधिकारी आदि उपस्थित थे। पायलट ने प्रदेशाध्यक्ष की हैसियत से सरकार को नसीहत देने वाला भाषण दिया। पायलट ने सीएम गहलोत की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिस प्रकार राजीव गांधी जी ने संगठन को महत्व दिया, उसी प्रकार राजस्थान में भी मिलना चाहिए। सीएम साहब को चाहिए कि विधायक और कार्यकर्ता की मंशा पर घोषणाएं कर दें। राजीव गांधी ने मुम्बई के अधिवेशन में कहा था कि सत्ता के दलालों को कार्यकर्ता बाहर कर दें। जब इतना बोल्ड कदम राजीव गांधी उठा सकते हैं तो हम क्यों नहीं?
पायलट ने कहा कि सत्ता कार्यकर्ता के दम पर आती है। कार्यकर्ता ही जनता के बीच जाकर काम करता है। राजस्थान के लिए यह अच्छी बात है कि कांग्रेस की सरकार है। अपनी सरकार में कार्यकर्ता का सम्मान होना ही चाहिए। कार्यकर्ता को यह लगना चाहिए कि वह सरकार का अंग है। कार्यकर्ता ही सत्ता दिलवाता है। आने वाले दिनों में हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली और झारखंड में चुनाव होने हैं। राजस्थान के कांग्रेस के कार्यकर्ता इन राज्यों में जाकर कांग्रेस को फिर से मजबूत करेंगे। पायलट ने जिस अंदाज में भाषण दिया उससे कार्यकर्ता बेहद उत्साहित दिखा। मालूम हो कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बने आठ माह हो गए है, लेकिन अभी तक भी राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हुई हैं। कार्यकर्ता सरकारी पद पाने के इंतजार में हैं। पायलट ने प्रभावी और दमदार तरीके से कार्यकर्ताओं की भावनाएं मुख्यमंत्री के सामने रख दी है। साथ ही सत्ता के दलालों से सावधान रहने की नसीहत दी है।
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