आबकारी विभाग की सख्ती के विरोध में अजमेर जिले में शराब की दुकानें बंद रहीं।
आबकारी विभाग की सख्ती के विरोध में अजमेर जिले में शराब की दुकानें बंद रहीं।
काश! हमेशा के लिए बंद हो जाएं, शराब की दुकानें।
भाजपा और कांग्रेस के नेता एक समान।
काश! हमेशा के लिए बंद हो दुकानें:
भले ही अपनी मांगों को लेकर लाइसेंसधारी विक्रेताओं ने एक दिन के लिए शराब की दुकानें बंद की हो, लेकिन यदि शराब की दुकानें हमेशा के लिए बंद हो जाएं तो समाज के लिए अच्छा रहेगा। राजस्थान में पूर्ण शराबबंदी की मांग होती रही है। मौजूदा सीएम अशोक गहलोत की छवि भी गांधीवादी है। गहलोत स्वयं भी शराब बंदी के पक्ष में हैं। जब विपक्ष में होते हैं तो मांग भी करते हैं, लेकिन जब मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व का मोह नहीं छोड़ पाते हैं। गहलोत तीसरी बार सीएम बने हैं। यदि शराब की दुकानें बंद हो जाएं तो सबसे ज्यादा राहत परिवार की महिलाओं को मिलेगी। जिस परिवार के पुरुष सदस्य शराब पीते हैं उस परिवार की महिलाओं को अनेक परेशानियों से गुजरना होता है। शराब पीने से शरीर में होने वाली बीमारियों के इलाज पर भी भारी राशि खर्च होती है। कई लोगों की तो शराब पीने से मौत भी हो जाती है।
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