मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अजमेर के बिठुर में न्याय आपके द्वार शिविर का अचानक निरीक्षण किया।
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भाजपा के देहात अध्यक्ष सारस्वत को छोड़कर अजमेर के भाजपा नेता और अधिकारी मायूस।
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9 मई को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अजमेर जिले के नसीराबाद क्षेत्र के बिठुर ग्राम पंचायत पर लगे न्याय आपके द्वार शिविर का औचक निरीक्षण कर सबको चौंका दिया। मुख्यमंत्री 9 मई को दोपहर ढाई बजे इस शिविर में जब अचानक पहुंची तो कांग्रेस के क्षेत्रीय विधायक रामनारायण, एसडीएम, सरपंच आदि उपस्थित थे। सीएम ने सीधे ग्रामीणों से संवाद किया और यह जाना कि क्या शिविर के माध्यम से कोई राहत मिल रही है। इस पर अनेक ग्रामीणों कहना था कि अधिकारियों का रवैया संतोषजनक नहीं है। मामले को पेचीदा बताकर राहत नहीं दी जाती है।
सीएम ने क्षेत्रीय विधायक रामनारायण गुर्जर से विस्तार से बात की। गुर्जर ने सम्पूर्ण नसीराबाद क्षेत्र की समस्याओं से सीएम को अवगत करवाया। इस पर सीएम ने कहा कि समस्याओं को लिखकर दें ताकि समाधान हो सके। इसके साथ ही शिविर में उपस्थित अधिकारियों से राजे ने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप ग्रामीणों को राहत प्रदान की जाए।
देहात अध्यक्ष ही पहुंचे शिविर में
सीएम राजे अजमेर जिले में न्याय आपके द्वार शिविरों का औचक निरीक्षण करेंगी। इसकी भनक न तो भाजपा के नेताओं को थी और न ही जिला कलेक्टर गौरव गोयल सहित किसी प्रशासनिक अधिकारी को। जानकार सूत्रों के अनुसार भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष बी.पी.सारस्वत को सीएम हाऊस से सूचना भिजवाई गई कि वे राजगढ़ चौराहे पर पहुंचे। इस सूचना के मिलते ही सारस्वत अपने समर्थकों के साथ राजगढ़ के चौराहे पर पहुंच गए। सारस्वत को भी उस समय आश्चर्य हुआ जब एक वाहन में सीएम राजे खुद मौजूद थी। सारस्वत से कहा गया कि वे भी सीएम के काफिले के साथ चलें। बिठुर के शिविर में पहुंचने के बाद सीएम ने सारस्वत से हालचाल पूछे। सारस्वत भाजपा के एक मात्र नेता रहे जो शिविर में सीएम के साथ पहुंचे थे।
प्रशासन और नेता बेखबर:
9 मई को अजमेर के प्रभारी मंत्री हेम सिंह भडाणा भी न्याय आपके द्वार शिविरों का अवलोकन करने के लिए अजमेर जिले में ही थे। सीएम राजे जब बिठुर आ रही थीं, तब भडाणा और संसदीय सचिव व पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के ही बीर गांव के शिविर में मौजूद थे। लेकिन इन दोनों को भी सीएम के आने की जानकारी नहीं हुई। इसी प्रकार रेंज की आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल, एसपी डॉ. नितिन दीप ब्लग्गन, संभागीय आयुक्त हनुमान मीणा, कलेक्टर गौरव गोयल भी सीएम के आने से अनभिज्ञ रहे, यानि सीएम ने अपना दौरा गुप्त रखा। जिस तरह से भीषण गर्मी में मुख्यमंत्री ने दौरान किया, उसको लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।
चार शिविरों का लिया जायजा:
9 मई को भडाणा और रावत ने जिले के सिलोरा, बिठुर, बीर और खरवा में लगे न्याय आपके द्वार शिविरों का निरीक्षण किया। शिविरों में भडाणा और रावत ने अधिकारियों से कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप अधिक से अधिक लोागें को राहत दी जाए। भडाणा ने कहा कि इसमें अधिकारियों की कोई कौताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भडाणा और रावत भी पहुंचे:
मुख्यमंत्री के बिठुर शिविर में पहुंचने की जानकारी प्रभारी मंत्री हेम सिंह भडाणा और संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत को भी अपने सूत्रों से लग गई। ऐसे में ये दोनों बीर का शिविर छोड़कर निकटवर्ती बिठुर के शिविर में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पहुंच गए। सीएम राजे ने भडाणा और रावत से भी जिलेभर के शिविरों के बारे में जानकारी ली। सीएम ने भडाणा से कहा कि वे अधिक से अधिक शिविरों का निरीक्षण कर ग्रामीणों को राहत प्रदान करवाएं। इसी प्रकार सीएम के बिठुर के शिविर से रवाना होने से पहले ही कलेक्टर गायेल और एसपी ब्लग्गन भी मौके पर पहुंच गए।
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(एस.पी. मित्तल) (09-05-2016)
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