ब्यावर के रावत नेताओं को गिरफ्तार करवाकर भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत खुन्नस निकाल रहे हैं? भाजपा को होगा राजनीतिक नुकसान। विधायक ने नकारा

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ब्यावर के रावत नेताओं को गिरफ्तार करवाकर भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत खुन्नस निकाल रहे हैं?
भाजपा को होगा राजनीतिक नुकसान। विधायक ने नकारा
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23 मई की रात को अजमेर जिले के ब्यावर सिटी थाने की पुलिस ने रावत समाज के दो बड़े नेता किशोर सिंह रावत और महेन्द्र सिंह रावत को भी गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों रावत नेता व्हाट्स-एप पर रावत सेना नाम का एक ग्रुप चलाते हैं और दोनों ही इस ग्रुप के एडमिन हैं। इन दोनों नेताओं की गिरफ्तारी ब्यावर के भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत की एफआईआर पर हुई। विधायक रावत का आरोप है कि जवाजा के बजारी गांव के निवासी चन्द्रशेखर सिंह रावत ने गत 21 मई को व्हाट्स-एप ग्रुप में मेरा फोटो पोस्ट किया है जो आपत्तिजनक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। पुलिस ने विधायक की रिपोर्ट पर चन्द्रशेखर सिंह रावत को भी गिरफ्तार किया था। चन्द्रशेखर को न्यायालय से जमानत मिल गई है। 23 मई को किशोर सिंह रावत और महेन्द्र सिंह रावत को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने 24 मई को ब्यावर कोर्ट में दोनों को पेश किया। कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील विरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत गिरफ्तारी की है। जबकि इस धारा को सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही निरस्त कर रखा है। कोर्ट को बताया गया कि चन्द्रशेखर ने जो फोटो पोस्ट किया था, उसमें सिर्फ विधायक शंकर सिंह रावत को दाढ़ी लगा हुआ बताया गया था, यह फोटो किसी भी प्रकार से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला नहीं है। वैसे भी पुलिस पूर्व में ही चन्द्रशेखर को गिरफ्तार कर चुकी है। इसलिए व्हाट्स-एप ग्रुप के एडमिन को गिरफ्तार करना गैर कानूनी है। न्यायाधीश ने पुलिस से यह जानना चाहा कि जब आईएक्ट की धारा 66ए निरस्त हो चुकी है तो फिर इस धारा का इस्तेमाल क्यों किया गया? इसका पुलिस कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी। फलस्वरूप न्यायाधीश ने किशोर सिंह रावत और महेन्द्र सिंह रावत को जमानत पर छोड़ दिया।
विधायक की खुन्नस:
यह माना जा रहा है कि ब्यावर की सिटी पुलिस ने विधायक शंकर सिंह रावत के दबाव की वजह से इस छोटे से मामले में तीन-तीन लोगों को गिरफ्तार किया। गत विधानसभा के चुनाव में किशोर सिंह रावत और महेन्द्र सिंह रावत दोनों शंकर सिंह के साथ थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से ये दोनों रावत नेता अलग हो गए। महेन्द्र सिंह तो भाजपा के मंडल महामंत्री भी रहे हैं। विधायक रावत इस बात से नाराज हैं कि किशोर और महेन्द्र उनका साथ छोड़ गए। इन दोनों को सबक सिखाने के लिए ही विधायक ने गिफ्तार करवाया हालांकि रावत समाज में विधायक का भी दबदबा रहा है,लेकिन अब विधायक की कार्यशैली से रावत समाज में नाराजगी बढ़ती जा रही है। यही वजह रही कि 24 मई को सुबह जैसे ही किशोर और महेन्द्र की गिरफ्तारी का पता चला तो रावत समाज के सैकड़ों लोग सिटी थाने के बाहर जमा हो गए। सभी ने पुलिस के साथ-साथ विधायक की भी निंदा की। उत्तेजित लोग ब्यावर के विधायक के निवास पर भी जमा हो गए। पुलिस को विधायक की सुरक्षा के लिए घर के बाहर आरएसी तैनात करनी पड़ी। विधायक के खिलाफ बढ़ रही नाराजगी का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि अदालत से बाहर निकलने पर महेन्द्र और किशोर का रावत समाज के लोगों ने ही जोरदार अभिनंदन किया।
भाजपा का नुकसान:
रावत समाज को भाजपा का समर्थक माना जाता है। शंकर सिंह रावत भी लगातार दूसरी बार इसलिए विधायक बने हैं क्योंकि रावतों के वोट एक मुश्त मिलते हैं। लेकिन जिस तरह से समाज में विधायक के विरुद्ध नाराजगी बढ़ रही है उससे यह माना जा रहा है कि अब भाजपा को भी नुकसान होगा। 21 मई को भाजपा नेता किशोर सिंह और महेन्द्र सिंह की अदालत में पैरवी कांग्रेस के नेता और वकील विरेन्द्र सिंह रावत ने की है ।
चन्द्रशेखर ने मांग ली थी माफी:
रावत सेना के व्हाट्स-एप ग्रुप में 21 मई को जब चन्द्रशेखर सिंह रावत ने विधायक की दाढ़ी वाला फोटो पोस्ट किया, उसी दिन चन्द्रशेखर ने विधायक के पास जाकर माफी मांग ली थी, लेकिन फिर भी चन्द्र शेखर को गिरफ्तार होना पड़ा। रावत समाज के प्रभावशाली प्रतिनिधि भी अब यह मानने लगे हैं कि विधायक शंकर सिंह रावत छोटी बातों को मुद्दा बनाकर अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। पूर्व में भी ऐसे अनेक मौके आए है,जब विधायक ने अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया है।
मेरा कोई दबाव नहीं-विधायक
वहीं दूसरी ओर विधायक रावत ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि 21मई को उन्होंने पुलिस में जो रिपोर्ट दी है उसमें किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं लिखा था। पुलिस ने अपनी जांच के अनुरुप ही कोई गिरफ्तारी की होगी। जिन लोगों को गिरफ्तार किया है,उन्हें मैं जानता ही नहीं हू। किसी की भी गिरफ्तारी में मेरा कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा कि 21 मईको रावत सेना के व्हाट्स-एप ग्रुप पर जो मेरा फोटो डाला गया व वाकई आपत्तिजनक था। मेरे चेहरे पर मुस्लिम दाढ़ी लगा कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई। उन्होंने कहा कि रावत समाज में मेरा बेहद सम्मान है,इसलिए इस आपत्तिजनक फोटो को किसी भी हालत में बर्दाशत नहीं किया जा सकेगा। आरोपियों ने रावत समाज में मेरी छवि खराब करने के लिए एडीट किए फोटो को पोस्ट किया है। जहां तक समाज में मेरे प्रति नाराजगी का सवाल है तो कुछ लोगों के नाराज होने का मतलब यह नही ंकि पूरा समाज नाराज है। मैंने तो ब्यावर में भाजपा को लगातार दूसरी बार जीत दिलवाई है। उन्होंने माना कि उनकी राजनीतिक सफलता की वजह से पार्टी के कुछ लोग ईष्र्या रखते हैं।
(एस.पी. मित्तल) (24-05-2016)
(www.spmittal.in) M-09829071511

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